जैसा कि हम सब जानते हैं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा का संचालन किया जा रहा है। हर साल उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षा के वक्त बड़े पैमाने पर चीटिंग की वारदात सामने आती है। उत्तर प्रदेश की नई योगी सरकार इसे कम करना चाहती है।
इस वजह से अलग-अलग जिला के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को बोर्ड की परीक्षा पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा लगभग 800 परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की गई है। इसके लिए 500 से अधिक बेहतरीन शिक्षकों की टीम तैयार की गई है।
इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षा कैसे आयोजित करवाई जा रही है और इस तरह के वारदात सामने आ रहे हैं। अगर आप इसे समझना चाहते हैं तो हमारे लेख के साथ अंत तक बने रहे।
UP Board Exam 2023
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 16 फरवरी से 3 मार्च तक आयोजित की गई है। बोर्ड की परीक्षा विद्यार्थियों के लिए बहुत ही आवश्यक होती है क्योंकि यह उनके आने वाले भविष्य को बहुत हद तक निर्धारित करती है।
बहुत समय से उत्तर प्रदेश की बोर्ड परीक्षा पेपर लीक और चीटिंग जैसी हरकतों को बड़े पैमाने पर अंजाम देती आ रही है। यही कारण है कि भारत वर्ष में उत्तर प्रदेश बोर्ड का नाम खराब हो गया है।
इस साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा एक साथ शुरू हो रही है और पहले दिन उन्हें हिंदी विषय की परीक्षा देनी थी। शिक्षा परिषद ने सभी बच्चों की परीक्षा को सुरक्षित तरीके से आयोजित करवाने के लिए बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरा छापामारी जैसी अलग-अलग व्यवस्था तैयार की है।
यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू हो चुकी है और शिक्षा परिषद की तैयारी के मुताबिक इस साल पेपर लीक और चीटिंग जैसी समस्या को बड़ी सफलता से रोका गया है।
सरकार इस पर लगातार एक्शन ले रही है और सूत्रों से यह भी मालूम चला है कि आध्यात्मिक शिक्षा परिषद के द्वारा 500 से अधिक वरिष्ठ शिक्षकों की टीम तैयार की गई है।
जिन्होंने 800 से अधिक अलग-अलग परीक्षा स्थानों पर छापेमारी की है। परिणाम स्वरुप बहुत सारे असामाजिक तत्व चीटिंग करते और पेपर लीक करते पकड़ाए हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षा में सख्ती
पिछले साल से सबक लेकर इस साल यूपी बोर्ड की शिक्षा परिषद बोर्ड परीक्षाओं को लेकर काफी सख्त हो गई है। उन्होंने लगातार अलग-अलग परीक्षा स्थानों पर छापामारी की है और इससे बहुत सारे असामाजिक तत्व पकड़े गए है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षा परिषद के द्वारा 504 शिक्षकों की एक खास टीम तैयार की गई है जिसकी मदद से उन्होंने लगभग 815 परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की है।
इनमें से कुछ छापेमारी रात के वक्त की गई है जिससे पेपर लीक जैसी हरकत को रोका गया है।
इस तरह की वारदात को कम करने के लिए सरकार कड़े फैसले ले रही है और हर जिला के डीएम एसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों की निगरानी करने को कहा गया है।
आपको यह भी बता की कुछ खास जिलों में सरकार कड़ी नजर रख रही है। इसके अलावा यूपी बोर्ड परीक्षा के सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है।
इससे काफी मदद मिली है और बड़े पैमाने पर विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित तरीके से बोर्ड परीक्षा को आयोजित किया गया है।
विद्यार्थी जूता पहनकर परीक्षा सेंटर पर नहीं जा सकता इसके अलावा विद्यार्थी को सभी निर्देशों का ध्यान पूर्वक पालन करना होगा। इसके अलावा यूपी बोर्ड के सभी विद्यार्थियों को एक हेल्पलाइन नंबर दिया गया है।
जिसे विद्यार्थी यूपी बोर्ड के अधिकारी वेबसाइट से प्राप्त कर सकता है और उस पर संपर्क करके बोर्ड परीक्षा से जुड़ी किसी भी परेशानी को साझा करके उसका निराकरण प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपको उत्तर प्रदेश बोर्ड से जुड़ी जानकारियों के बारे में समझाया है। हमने सरल शब्दों में आपको यह बताने का प्रयास किया है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए शिक्षा परिषद किस प्रकार कड़ी निगरानी रख रही है।
अगर हमारे द्वारा साझा जानकारियों को पढ़ने के बाद परीक्षा परिषद की कड़ी निगरानी और शिक्षकों के द्वारा की जाने वाली छापामार हरकत के बारे में आप अच्छे से समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूलें।