Chandrayaan-3 Mission News: चंद्रयान-3 ने उपग्रह सोमवार को चंद्रमा के बहुत करीबी व्यासक्षेत्र में प्रवेश किया, जैसा कि इसरो ने बताया। इसके परिणामस्वरूप, उसका ऑर्बिट अब बहुत अधिक गोलाकार रूप लेने लगा है।
Chandrayaan-3 Mission News
इस सफलता के साथ, चंद्रयान-3 मिशन का अग्रसर यात्रा प्रायः नए मंजिलों की ओर बढ़ रहा है। इसरो ने इस मिशन के लिए कठिनाईयों का सामना करते हुए भी निरंतर प्रयास किया है ताकि भारत एक और अद्भुत उपलब्धि हासिल कर सके।
100KM ऑर्बिट के बाद अलग हो जाएगा लैंडिंग मॉड्यूल
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों के अनुसार, एक नई प्रक्रिया का आयोजन किया जाएगा ताकि अंतरिक्ष यान को 100 किमी की कक्षा तक पहुंचाने का काम संपन्न किया जा सके। इसके बाद, एक ‘लैंडिंग मॉड्यूल’ तैयार किया गया है जिसमें एक लैंडर और एक रोवर शामिल होंगे, और यह ‘प्रॅपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा। इसके बाद, लैंडर अपनी ‘डीबूस्ट’ प्रक्रिया के माध्यम से धीमे होने की प्रक्रिया को पार करेगा और 23 अगस्त को यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की कोशिश करेगा।
चंद्रयान-3 से पहले कैसे पहुंचेगा रूसी मिशन
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