Sun Mission: अब अगले महीने शुरू होगा भारत का ‘सूर्य मिशन’! 4 महीने की लंबी यात्रा कर सूरज तक पहुंचेगा स्वदेशी आदित्य L1

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Sun Mission: चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद भारत अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में नए मील के झंडे गाड़ने की तैयारी में है। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले महीने सूर्य मिशन की शुरुआत करने के लिए तैयारी में है।

जहाँ चंद्रमा तक पहुंचने में भारत को 40 दिन का समय लगा है, वहीं भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सूरज तक पहुंचने की योजना बनाई है, जिसमें चार महीने तक की यात्रा की गई है।

भारत के चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद, अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में नए प्रयास की तैयारी जोर पकड़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अगले महीने सूर्य मिशन की शुरुआत के लिए तैयारी में है।

जबकि चंद्रमा तक पहुंचने में भारत को 40 दिन का समय लगा है, वहीं भारतीय स्पेस एजेंसी ने सूरज तक पहुंचने के लिए चार महीने की लंबी यात्रा की प्लानिंग की है।

भारत का सूर्य मिशन Sun Mission

वास्तव में, भारत का सूर्य मिशन (Sun Mission) लगभग एक दशक से पाइपलाइन में है। बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक इस मिशन को सफल बनाने के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं। श्रीहरिकोटा से रॉकेट को प्रक्षिप्त किया जाएगा, जो करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी तक पहुंचने का मिशन होगा।

sun mission-एल1 प्वाइंट पर रखा जाएगा स्पेसक्राफ्ट

यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से करीब तीन गुना ज्यादा है। पृथ्वी से सूरज तक की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है, लेकिन स्पेस क्राफ्ट को 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर एल1 लार्ज रेंज पॉइंट पर रखा जाएगा। इस पॉइंट से सूरज का अध्ययन बिना ग्रहण किए जा सकेगा, और इस दूरी पर सूरज के ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा। अंतरिक्ष में एल1, एल2, एल3, एल4 और एल5 पांच पार्किंग पॉइंट के रूप में जाने जाते हैं।

ताकतवर एजेंसियों ने भेजे हैं मिशन

ताकतवर एजेंसियों ने भेजे हैं मिशन सूरज पर अब तक अमेरिका, जर्मनी, और यूरोपीय एजेंसियों द्वारा कुल 22 मिशन भेजे गए हैं। पहला सूरज मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा साल 1960 में “पायनियर” नामक मिशन के रूप में भेजा गया था। इसके बाद, जर्मनी ने साल 1974 में अपना पहला सूर्य मिशन नासा के साथ मिलकर भेजा था। उसके बाद, यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने साल 1994 में भी नासा के साथ मिलकर अपना मिशन भेजा था।

इसरो का लोहा मान रहा नासा

इसरो का लोहा मान रहा नासा अब साल 2001 में नासा ने “जेनेसिस” नामक मिशन को भेजा था, जिसमें उसके प्रयास सफल रहे थे, लेकिन लौटते समय क्रैश लैंडिंग हो गई थी। अब भारत की ताकतवर एजेंसियों की तरह इसरो भी अपने सूरज मिशन को शुरू कर रहा है। खबरों के अनुसार, नासा भी चाहता है कि इसरो उसके साथ मिलकर काम करे।

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