कर्मचारियों के बैंक खाते में आने लगा 81500 रुपए का EPFO ब्याज, देखें नयी ब्याजदर के अनुसार गणना

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PFO Interest of 81500 : केंद्र सरकार ने हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) के सदस्यों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले एक बड़ा तोहफा प्रदान किया है। मंगलवार को, ईपीएफ पर लगाए जाने वाले ब्याज दर को 8.10 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब पीएफ खातों में जमा की जाने वाली राशि पर अधिक ब्याज प्राप्त होगा। इससे पहले हाल ही में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए डीए में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जिसे एक उपहार के रूप में प्रस्तुत किया था।

EPFO Interest of 81500

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) ने ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर आने की है। देश में अगले साल, जिसका मतलब 2024 में, आम चुनाव होने की संभावना है, और इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के पेशेवर लोगों के लिए एक तोहफा पेश किया है। पहले, उन्होंने डीए बढ़ोतरी की घोषणा की है, और फिर पीएफ (पेशेवरी भविष्य निधि) पर ब्याज दरों में वृद्धि की गई है। यह निर्णय उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो इस संगठन के सदस्य हैं।

इस निर्णय के तहत, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को 8.5 फीसदी से कम करके 8.1 फीसदी कर दी थी। यह बड़ा कदम था, क्योंकि यह पिछले 40 सालों में सबसे कम ब्याज दर थी। यह याद दिलाने वाली बात है कि वर्ष 1977-78 में ब्याज दर 8 प्रतिशत थी। इसके बाद से, यह हमेशा 8.25 फीसदी से ऊपर बनी रही है। इस नई बढ़ोतरी और ब्याज दर में वृद्धि का फैसला करके, सरकार ने पेशेवर लोगों के भविष्य की सुरक्षा में मदद की है।

Employees’ Provident Fund Organisation में यह है ब्याज बढ़ने का पूरा गणित

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) ने हाल ही में ब्याज दरों में थोड़ी सी बढ़ोतरी की है, जिसमें केवल 0.05 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी से देश के 6.5 करोड़ पीएफ खाताधारकों को भी थोड़ी सी राहत मिलेगी! इसके अनुसार, कर्मचारी हर महीने अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी अंशदान करता है, जिसमें कंपनी या नियोक्ता भी 12% का योगदान करता है।

इस योगदान का 8.33% हिस्सा ईपीएस में जाता है, जबकि 3.67% ईपीएफ में जमा होता है। ईपीएफ खाता धारकों को इस जमा राशि पर ब्याज मिलता है। विशेषज्ञ अनुज गुप्ता के अनुसार, पहले न्यूनतम वेतन के आधार पर 15,000 रुपये पर 8.10 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से सालाना 1,215 रुपये की ब्याज राशि मिलती थी! वर्तमान में, ब्याज दरों में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण, इस ब्याज राशि में वृद्धि हो गई है, और यह 8.15 फीसदी के हिसाब से सालाना 1222.50 रुपये हो गई है।

EPFO Interest of 81500 Rupees Credit

किसी कर्मचारी विशेष के खाते में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज की चर्चा करते हैं। यदि हम मान लें कि किसी कर्मचारी के EPFO पीएफ खाते में 10 लाख रुपये जमा हैं, तो उसे वार्षिक 8.15 फीसदी की दर पर 8,1500 रुपये का ब्याज मिलता है। पहले, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) में यह ब्याज 8,1000 रुपये होता था, अर्थात् इसमें 500 रुपये की वृद्धि हो गई है।

Employees’ Provident Fund Organisation Update : ईपीएफ की ब्याज दरों पर एक नजर

पिछले कुछ वर्षों में पीएफ जमा पर मिले ब्याज दरों की दिशा में जब हम नजर डालते हैं, तो हमें दिखता है कि 2005 से 2010 तक यह 8.50 फीसदी था। इसके बाद, 2010-11 में यह बढ़कर 9.50 फीसदी हो गया था। फिर, 2012-13 में यह 8.50 फीसदी पर आ गया, और 2013-14 और 2014 में ब्याज दर 15 फीसदी थी।

इसके बाद, EPFO में 2015-16 में ब्याज दर 8.80% पर सेट की गई थी। आगामी वर्ष 2016-17 में यह 8.65% हो गया, और 2017-18 में यह 8.55% हो गया। 2018-19 में ब्याज दर फिर से 8.65% पर आ गई।

इसके बाद, 2019-20 और 2020-21 में इसे कम करके 8.50% कर दिया गया। और जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) ने घोषणा की, 2021-22 में ब्याज दर चार दशकों के निचले स्तर पर आकर 8.10% हो गई है।

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