PFO Interest of 81500 : केंद्र सरकार ने हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) के सदस्यों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले एक बड़ा तोहफा प्रदान किया है। मंगलवार को, ईपीएफ पर लगाए जाने वाले ब्याज दर को 8.10 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब पीएफ खातों में जमा की जाने वाली राशि पर अधिक ब्याज प्राप्त होगा। इससे पहले हाल ही में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए डीए में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जिसे एक उपहार के रूप में प्रस्तुत किया था।
EPFO Interest of 81500
Employees’ Provident Fund Organisation में यह है ब्याज बढ़ने का पूरा गणित
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) ने हाल ही में ब्याज दरों में थोड़ी सी बढ़ोतरी की है, जिसमें केवल 0.05 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी से देश के 6.5 करोड़ पीएफ खाताधारकों को भी थोड़ी सी राहत मिलेगी! इसके अनुसार, कर्मचारी हर महीने अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी अंशदान करता है, जिसमें कंपनी या नियोक्ता भी 12% का योगदान करता है।
इस योगदान का 8.33% हिस्सा ईपीएस में जाता है, जबकि 3.67% ईपीएफ में जमा होता है। ईपीएफ खाता धारकों को इस जमा राशि पर ब्याज मिलता है। विशेषज्ञ अनुज गुप्ता के अनुसार, पहले न्यूनतम वेतन के आधार पर 15,000 रुपये पर 8.10 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से सालाना 1,215 रुपये की ब्याज राशि मिलती थी! वर्तमान में, ब्याज दरों में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण, इस ब्याज राशि में वृद्धि हो गई है, और यह 8.15 फीसदी के हिसाब से सालाना 1222.50 रुपये हो गई है।
EPFO Interest of 81500 Rupees Credit
Employees’ Provident Fund Organisation Update : ईपीएफ की ब्याज दरों पर एक नजर
पिछले कुछ वर्षों में पीएफ जमा पर मिले ब्याज दरों की दिशा में जब हम नजर डालते हैं, तो हमें दिखता है कि 2005 से 2010 तक यह 8.50 फीसदी था। इसके बाद, 2010-11 में यह बढ़कर 9.50 फीसदी हो गया था। फिर, 2012-13 में यह 8.50 फीसदी पर आ गया, और 2013-14 और 2014 में ब्याज दर 15 फीसदी थी।
इसके बाद, EPFO में 2015-16 में ब्याज दर 8.80% पर सेट की गई थी। आगामी वर्ष 2016-17 में यह 8.65% हो गया, और 2017-18 में यह 8.55% हो गया। 2018-19 में ब्याज दर फिर से 8.65% पर आ गई।
इसके बाद, 2019-20 और 2020-21 में इसे कम करके 8.50% कर दिया गया। और जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) ने घोषणा की, 2021-22 में ब्याज दर चार दशकों के निचले स्तर पर आकर 8.10% हो गई है।
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