BEd vs BTC News Today: अभी बीएड और बीटीसी के मामले में चर्चाएं बढ़ गई हैं। इस संदर्भ में, बीएड और बीटीसी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है, जो सभी बीएड उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप भी बीएड की तरफ बढ़ रहे हैं, तो इस लेख को ध्यान से पढ़ना चाहिए। बीएड और बीटीसी के मामले में तेजी से चर्चाएं जारी हैं, और इस संदर्भ में एक कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं, जो बीएड उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, अगर आप भी बीएड के अभ्यर्थी हैं, तो आपको इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
- BEd vs BTC News Today: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला दिया है,
- जिसमें बीएड अभ्यर्थियों के मामले में स्पष्टता दी गई है।
- इस फैसले के अनुसार, वर्तमान समय में बीएड अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिलेगी।
- इस फैसले के बाद, कई अभ्यर्थी इस निर्णय के खिलाफ प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं
- एवं अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
- अब हम यह जानते हैं कि इस फैसले का पूरा मामला क्या है और इसमें क्या-क्या निर्णय दिया गया है।
BEd vs BTC News Today
- कोर्ट ने तय किया है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती लेवल 1 के लिए केवल बीटीसी डिप्लोमा धारकों को मान्यता देनी चाहिए।
- यह फैसला बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप में अयोग्य मान रहा है।
- कई अभ्यर्थी ने बीएड की तैयारी की थी और अब वे इस फैसले का बुरा महसूस कर रहे हैं।
- इन छात्र-छात्राओं ने अपने समय और पैसों को बीएड की पढ़ाई में निवेश किया था।
- उनकी आकांक्षा थी कि वे प्राथमिक शिक्षक के रूप में काम करें,
- लेकिन अब उन्हें असमान्यता का सामना करना पड़ रहा है।
इसके बावजूद, उन्होंने टीईटी और सीटीईटी जैसी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त की है। लेकिन अब वे इस निर्णय के बारे में पछताते हैं क्योंकि उनकी मेहनत बेकार जाने की संभावना है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, बीएड के छात्रों के जीवन में यह फैसला एक बड़ी चुनौती बन गया है, और वे इस स्थिति के सामने कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
विवाद शुरू हुआ 28 जून 2018 की एक अधिसूचना के कारण
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षा की योग्यता का मूल्यांकन करना इस परिषद का मुख्य कार्य है, और इसी कार्य के तहत, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 28 जून 2018 को एक अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के परिणामस्वरूप, वे उम्मीदवार जिन्होंने बीएड की पढ़ाई की थी, उन्हें कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के योग्य माना गया।
- बीएड छात्रों को शिक्षक बनने का अधिकार मिला, जिसने उनके लक्ष्य को स्पष्ट किया।
- प्राथमिक शिक्षक की भर्ती के लिए तैयारी शुरू की,
- लेकिन कोर्ट के फैसले ने उन्हें अस्थायी अयोग्य घोषित किया।
- यह विवाद उनके शिक्षा करियर को प्रभावित करके बड़ा संकट बन गया।
अभ्यर्थियों के द्वारा आंदोलन भी किया जा सकता है?
प्राइमरी शिक्षकों को कक्षा एक से पांचवी तक के छात्रों को शिक्षा देने का अधिकार होता है, इस बारे में आपको पता होगा। लेकिन इस निर्णय के परिणामस्वरूप, बीएड छात्रों का कहना है कि उन्होंने प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए काफी मेहनत की है, लेकिन फिर भी उन्हें इस तरह का निर्णय सुनाया गया है, जो उनके लिए उचित नहीं है।
- नए निर्णय के बाद, अब विद्यार्थी आंदोलन की आयोजन की इजाजत है।
- अभ्यर्थी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट को फिर से इस मामले को देखना चाहिए।
- उनका मानना है कि नया निर्णय बीएड अभ्यर्थियों के लिए पूरी तरह से संतोषजनक नहीं है।
- इस निर्णय के बाद, 11 अगस्त 2023 के बाद कोई महत्वपूर्ण अपडेट नहीं आया है।
- इसके परिणामस्वरूप, अभ्यर्थीगण में संदेह और उलझन की स्थिति बनी हुई है।
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बीएड और बीटीसी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद, आपको इस लेख को सभी अभ्यर्थियों के साथ साझा करने का महत्वपूर्ण कार्य होगा ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी उन तक भी पहुंच सके। इस तरह की और भी जानकारी आपको इस वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी, इसलिए आपको इस वेबसाइट का नाम याद रखना चाहिए।
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