Zealandia Continent : भूवैज्ञानिकों और भूकंपविज्ञानियों की छोटी टीम ने एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिसके अनुसार दुनिया का आठवां महाद्वीप “जीलैंडिया” के रूप में पहचाना गया है। इस खोज से स्पष्ट हुआ कि जीलैंडिया कभी गोंडवाना नामक सुपर कॉन्टिनेंट का हिस्सा था और यह करीब 105 करोड़ साल पहले गोंडवाना से अलग हो गया था। इस खोज की पहली जानकारी हमें 1642 में डच व्यापारी और नाविक एबेल तस्मान से मिलती है, जिन्होंने इस महाद्वीप की खोज की थी।
eighth continent discovered
Zealandia Continent : विश्व में सात नहीं, बल्कि आठ महाद्वीप होते हैं। इनमें एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और अंटार्कटिका शामिल हैं। इनके अलावा, वैज्ञानिकों और भूकंपविज्ञानियों ने एक और महाद्वीप खोजा है, जिसे ‘जीलैंडिया’ कहा जाता है।
जीलैंडिया नामक इस महाद्वीप का क्षेत्रफल 18.9 लाख वर्ग किलोमीटर है, और इसका 94 फीसदी हिस्सा पानी में समाहित है। बचे हुए छह फीसदी हिस्से में न्यूजीलैंड और विभिन्न छोटे द्वीप हैं।
गोंडवाना से अलग हुआ था जीलैंडिया
वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हाल ही में जारी किया कि यह महाद्वीप, जिसे गोंडवाना कहा जाता था, का हिस्सा था और यह जीलैंडिया के रूप में लगभग 10.5 करोड़ साल पहले गोंडवाना से अलग हो गया था।
इस महाद्वीप के अस्तित्व की बात वैज्ञानिकों ने टेक्टोनिक्स पत्रिका में जारी एक मैप के जरिए की है, जिसमें उन्होंने समुद्र तल से हासिल की गई चट्टानों के नमूनों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला है। इससे प्रकट होता है कि जीलैंडिया नामक यह महाद्वीप एक स्वतंत्र भू-टुकड़े के रूप में अपने मौजूदा रूप में मौजूद है।
1642 में पहली बार हुई थी महाद्वीप की खोज
- 1642 में, डच व्यापारी और नाविक एबेल तस्मान ने जीलैंडिया की खोज की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
- उन्होंने महाद्वीप के स्थान को सही तरीके से पहचाना नहीं सके थे।
- इसके बाद, वैज्ञानिकों ने 2017 में जीलैंडिया कॉन्टिनेंट की खोज के लिए प्रयास किए।
- यह 375 साल की खोज के बाद हुई एक महत्वपूर्ण और सफल प्रयास था।
- इस प्रयास में वैज्ञानिकों को जीलैंडिया की असली पहचान मिली थी।
- डच व्यापारी तस्मान के प्रयास ने महाद्वीप के खोज के प्रारंभिक कदम रखे थे।
- जीलैंडिया की खोज ने इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।
भारत से भी नाता
- जीलैंडिया महाद्वीप का क्षेत्रफल 49 लाख वर्गकिमी है, जैसे बीबीसी ने बताया।
- चर्चा का आरंभ: 2017 में जियोलॉजिस्ट समूह ने इस महाद्वीप की चर्चा शुरू की।
- उन्होंने इसे आठवें महाद्वीप के रूप में घोषित किया, जैसे विवरण में दिया गया है।
- जियोलॉजिस्ट बताते हैं कि यह महाद्वीप गोंडवाना का हिस्सा था जो करीब 54 करोड़ साल पहले निर्मित हुआ था।
- करीब साढ़े दस करोड़ साल पहले यह समंदर में डूबने लगा था, जैसे जीलैंडिया महाद्वीप की विवरण में उल्लिखित है।
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