Dengue in Haridwar : अब बेकाबू हुआ डेंगू का डंक, अब तक 500 नए मामले आए सामने-लोग सहमे !

Sonu

Dengue in Haridwar : हरिद्वार जिले में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी चिंता बढ़ रही है। शुक्रवार को एलाइजा जांच में 10 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके परिणामस्वरूप, जिले में अब तक कुल 500 डेंगू मरीजों की सूचना हो चुकी है। इसमें सबसे अधिक 147 मामले हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में लगातार डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या ने नगर निगम प्रशासन को डेंगू के समापन के लिए कठिनाइयों का सामना करने पर मजबूर किया है। वार्डों में कीटनाशकों का उपयोग डेंगू के खिलाफ उनके बढ़ते आक्रमण को रोकने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही, डेंगू से प्रभावित दो महिलाओं की मौत की खबरें भी आई हैं। सूचना के अनुसार, टिबड़ी निवासी 60 वर्षीय महिला कृष्णा और हरिपुर कलां निवासी 80 वर्षीय सूरजमुखी को डेंगू से गंभीर बीमारी होने के बावजूद मौके पर इलाज नहीं मिल सका और उनकी मौके पर मौत हो गई। इस परंपरागत बीमारी के प्रति स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी जानकारी की नकारात्मकता की दावा किया है।

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Dengue in Haridwar : इन दिनों डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है और नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले साल की तुलना में, जिले में डेंगू के मरीजों की तादात लगभग दोगुनी हो गई है। हालांकि इस परिस्थिति के बावजूद, प्रशासन डेंगू के नियंत्रण कार्यों को कागजी कार्यवाही में ही विशेष ध्यान देने की ओर बढ़ रहा है।

डेंगू के 147 मामले सामने आए Dengue in Haridwar :

  • हरिद्वार जिले में अब तक डेंगू के 147 मामले सामने आए हैं, और इनमें से अधिकांश हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र से जुड़े हैं।
  • यह स्थिति नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न उठाती है, क्योंकि डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं।
  • नगर निगम प्रशासन द्वारा जन जागरूकता और कीटनाशकों का छिड़काव करने के साथ-साथ फागिंग का दावा किया जा रहा है।
  • इसके परंतु, समुचित उपायों की जरूरत है ताकि डेंगू के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
  • लोगों को जागरूक बनाने और साफ-सफाई के माध्यमों को बढ़ावा देने के साथ-साथ, कीटनाशकों का प्रयोग भी महत्वपूर्ण होगा।
  • नगर निगम प्रशासन को इस समस्या को समय रहते नियंत्रित करने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए।

डेंगू के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय Dengue in Haridwar :

  • आरपीएफ, जिसे रेलवे सुरक्षा बल के रूप में जाना जाता है, भारतीय रेलवे की सुरक्षा इकाई है।
  • 1957 के रेलवे सुरक्षा सेक्शन अधिनियम के तहत इसका गठन हुआ था।
  • यह इकाई भारतीय रेलवे, रेल मंत्रालय, और सरकार के द्वारा संचालित होती है और सुरक्षा का प्रबंधन करती है।
  • भारतीय संसद ने इसे रेलवे संपत्ति और यात्री क्षेत्र की सुरक्षा में सुधार के लिए बनाया था।
  • इसके अंतर्गत विभिन्न पदों पर उम्मीदवारों का चयन नियमित रूप से किया जाता है।
  • यदि आप 2023 की आरपीएफ भर्ती के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको एलिजिबिलिटी की जाँच करनी होगी।
  • आवेदन की पूरी जानकारी के लिए आप हमारे अगले पेज पर जा सकते हैं।
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जिले में साल दर साल डेंगू के मामले

वर्ष डेंगू के मामले

2018                  266

2019                  715

2020                  069

2021                   561

2022                   285

2023                   500 अब तक

Dengue in Haridwar : जिले में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़ रही है, और इस समस्या के समाधान के लिए सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए दरवाजा-दरवाजा घूमा जा रहा है, साथ ही, बुखार पीड़ितों की पहचान में मदद भी की जा रही है। कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है और फागिंग भी की जा रही है, ताकि यह खतरनाक बीमारी पूरी तरह से नियंत्रित की जा सके।

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