7th pay commission: हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन देने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी अब 7th pay commission के तहत वेतन प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही, उन्हें 7th pay commission की सभी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। इस निर्णय के द्वारा, स्थायी और संविदा सरकारी कर्मचारियों के बीच वेतन में समानता स्थापित की गई है, जिससे हर कर्मचारी को उचित मिलेगा। यह हाईकोर्ट का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला है !
7th pay commission – हाईकोर्ट ने दिया वेतन बढ़ाने का आदेश
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने संस्था को उनके संविदा कर्मचारियों को उचित वेतन देने की सलाह दी है। इस समय यह स्थिति थी कि संविदा पर काम कर रहे कर्मचारी नियमित कर्मचारियों से वेतन में अंतर देख रहे थे।
यह फैसला उसके कारण आया जब कर्मचारियों की तरफ से प्रस्तावना किया गया कि उनके और नियमित कर्मचारियों के बीच काम का समान बंटवारा होने के कारण उन्हें भी नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन में वृद्धि की आवश्यकता है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस अपील को स्वीकार कर लिया है, जिसके परिणामस्वरूप इन संविदा कर्मचारियों को भी 7वें वेतन आयोग के मानदंडों के अनुसार सैलरी मिलेगी। इसका मतलब है कि उन्हें अब उनके योगदान के आधार पर उचित मूल्य दिलाया जाएगा और उनकी वेतन में सुधार किया जाएगा, जैसे कि नियमित कर्मचारियों को हो रहा है !
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7th pay commission – इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
- 2016 से एम्स दिल्ली के नर्सों को अलग-अलग मूल वेतन मिल रहा था।
- इन नर्सों की याचिका में यह बताया गया कि वे नियमित और संविदा नर्स के रूप में काम करते हैं।
- वे डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों की भी मदद करते हैं।
- संस्थान ने उन्हें उचित वेतन नहीं दिया जैसे कि नियमित कर्मचारियों को मिलता है।
- संस्थान के नियमित नर्सों को 56800 मासिक वेतन मिल रहा है।
- संविदा नर्सों को समान कार्य करने के लिए केवल 28000 मिल रहे हैं।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि संस्थान में इन संविदा नर्सों का मूल वेतन बढ़ाया जाए।
- कोर्ट ने इस नियम को संगठन में लागू करने के लिए 3 महीने की समयसीमा भी प्रदान की है।
7th pay commission -हाईकोर्ट ने नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की
- हाईकोर्ट ने नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की, जो एम्स अस्पताल में काम करती हैं।
- न्यायालय का कहना है कि नियमित और संविदा नर्सों के काम में अंतर नहीं होता है।
- नर्सें डॉक्टरों के साथ मरीजों की मदद करती हैं और उनकी सेवा प्रदान करती हैं।
- उनके कर्तव्य मानवता के प्रति समर्पित हैं और गंभीर रोगियों की देखभाल करती हैं।
- नर्सें रिश्तेदारों की गतिविधियों का प्रबंधन करती हैं और कर्मचारियों के साथ सहयोग करती हैं।
- इसलिए, उन्हें समान काम के लिए समान वेतन मिलने का फैसला हुआ है।
- उच्च न्यायालय ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में नर्सों के वेतन को समान किया है !
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Employees will get a complete salary from 2016
जैसा कि उल्लेख किया गया है –
- एम्स अस्पताल में संविदा नर्सों को 2016 से समान काम के लिए समान वेतन नहीं मिल रहा है।
- एएमएस कर्मचारियों के अनुसार, इन नर्सों को संविदा कर्मचारियों के लिए 7 वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिल रहा है।
- अब नर्सों को संविदा कर्मचारियों के दूसरे ग्रेड के हिसाब से वेतन नहीं मिलेगा.
- विभाग उन्हें नियमित कर्मचारियों के बराबर मूल वेतन देगा, 2016 से महंगाई भत्ता भी मिलेगा।
- नर्सों को 2016 में लगभग 11000 मिलेंगे और अब बिना किसी भत्ते के 28000 वेतन मिल रहा है।
- नियमित नर्सों को समान काम के लिए 56800 मासिक वेतन मिल रहा है।
- एम्स अस्पताल की सभी संविदा नर्सों को 2016 से अब तक का बकाया भुगतान मिलेगा।
- एम्स विभाग कर्मचारियों के बाकी भुगतान को महंगाई भत्ते के साथ भेजेगा।
- इन संविदा नर्सों को नियमित कर्मचारियों के समान मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ते भी मिलेंगे.
- हालांकि, मकान और किराया भत्ता आदि सहित अन्य भत्ते इन संविदा कर्मचारियों को आगे प्रदान नहीं किए जाएंगे !
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