Insurance Policy Details: कितनी तरह की होती हैं इंश्योरेंस पॉलिसीज, आपको कौन सी लेनी चाहिए!

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Insurance policy: इंश्योरेंस पॉलिसीज आमतौर पर दो प्रकार की होती हैं। एक प्रकार की पॉलिसी जो आपको संरक्षण प्रदान करती है, और दूसरी प्रकार की पॉलिसी जो आपकी निवेशों से लाभ उठाने का अवसर प्रदान करती है। यह आपकी आवश्यकताओं और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की पॉलिसी की तलाश में हैं

इंश्योरेंस पॉलिसीज़ मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं। पहली प्रकार की पॉलिसी विशेष रूप से सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि दूसरी प्रकार की पॉलिसी पैसा बचाने पर महत्वपूर्ण होती है। पहली पॉलिसी में, बीमित व्यक्ति की मौत होने पर ही लाभ मिलता है, जबकि दूसरी पॉलिसी में, बीमित व्यक्ति के जीवन बचाने पर भी लाभ मिल सकता है।

Insurance policy: हर इंश्योरेंस कैटगरी में कई विभिन्न प्लान होते हैं, और यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की पॉलिसी की तलाश में हैं और किस प्रकार के लाभ की आवश्यकता है।

एक प्लान होता है जिसे विशेष अवधि के लिए खरीदा जा सकता है, जैसे 10, 20, या 30 साल के लिए। इस प्लान में चयनित अवधि के लिए लाइफ कवरेज प्राप्त होती है, और इसमें मैच्योरिटी बेनिफिट की व्यवस्था नहीं होती है। इसका मतलब है कि यह पॉलिसी सेविंग्स या प्रॉफिट कंपोनेंट के बिना जीवन कवर प्रदान करती है। इसलिए टर्म प्लान अन्य पॉलिसी की तुलना में किफायती होते हैं। टर्म इंश्योरेंस में, पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर पॉलिसी के अंतर्गत निर्धारित राशि, जिसे एश्योर्ड सम कहा जाता है, बेनिफिशियर को दी जाती है।

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कितने तरह के होते हैं टर्म प्लान Insurance policy:

किसे खरीदना चाहिए Insurance policy:

  • स्टैगर्ड पेआउट में नॉमिनी को मृत्यु लाभ मिलता है,
  • जबकि बाकी राशि 10 से 20 साल की किस्तों में विभाजित होती है।
  • सिंगल प्रीमियम पॉलिस में, पूरा प्रीमियम एक बार में ही दिया जाता है,
  • इसमें किस्तों का अबादी नहीं होता।
  • इनक्रीजिंग टर्म प्लान में, एक 30 साल के व्यक्ति के लिए 1 करोड़ रुपये का वार्षिक प्रीमियम है, जो 22,801 रुपये होता है।
  • अगर आप नौकरी कर रहे हैं और परिवार पर निर्भर हैं,
  • तो इस पॉलिस को खरीदना सुरक्षित वित्तीय भविष्य के लिए एक अच्छा विचार हो सकता है।

आजीवन लाइफ इंश्योरेंस Insurance policy:

  • Whole Life Insurance Plan, जीवन भर प्रोटेक्शन प्रदान करती है, बिना किसी निश्चित टर्म की सीमा के।
  • इसका मतलब है कि जब पॉलिसीधारक मर जाते हैं, तो नॉमिनी को बीमा क्लेम मिलता है।
  • अन्य जीवन बीमा पॉलिसीओं में आमतौर पर 65-70 साल तक की उम्र की सीमा होती है।
  • लेकिन आजीवन लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसीधारक की मौत 95 साल तक हो सकती है।
  • इस तरह, नॉमिनी को उसकी मौत के बाद भी क्लेम करने का अधिकार होता है।
  • यह पॉलिसी पॉलिसीधारक को इंश्योर्ड को आंशिक रूप से विदड्रॉ करने का विकल्प भी प्रदान करती है।
  • साथ ही, पॉलिसी एवज के रूप में पैसे को लोन के तौर पर उपयोग करने की भी स्वतंत्रता प्रदान करती है।

परंपरागत इंश्योरेंस प्लान

  • ये जीवन बीमा योजनाएँ बीमा और निवेश का मिश्रण प्रदान करती हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य पैसा निवेश करना होता है।
  • इन योजनाओं को दो भागों में विभाजित किया गया है:
  • एंडोवमेंट पॉलिसी और मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी।
  • एंडोवमेंट पॉलिसी एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर और निवेश का संयुक्त होती है।
  • अवधि समाप्त होने पर एंडोवमेंट पॉलिसी पॉलिसीधारक को बोनस के साथ वापस किया जाता है।
  • पॉलिसीधारक की मौत के बाद या निर्धारित समय के बाद, एंडोवमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसी अमाउंट का भुगतान किया जाता है।
  • कुछ पॉलिसियां गंभीर बीमारियों के मामले में भी भुगतान करती हैं।
  • इन पॉलिसियों का मिश्रण बीमा सुरक्षा और निवेश के साथ सबसे अच्छा फायदा प्रदान करता है।

मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी

  • यह जीवन बीमा पॉलिसी एक प्रकार की अंडर्मेंट पॉलिसी के रूप में कार्य करती है,
  • जिसमें निवेश और बीमा दोनों होते हैं।
  • मनीबैक पॉलिसी से अश्योर्ड सम का सहारा लेने का अधिकार होता है,
  • जो पॉलिसी की समय-सीमा के दौरान किस्तों में मिलता है।
  • पॉलिसी की अंतिम किस्त उसके समापन पर मिलती है,
  • जिसे यदि पॉलिसीधारक की मौत होती है, तो उसके वारिष को मिलता है।
  • इस पॉलिसी का प्रीमियम सामान्यत: सबसे अधिक होता है,
  • इसलिए व्यक्ति को सावधानी से विचार करना चाहिए।
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यूलिप प्लान

  • यूलिप प्लान का एक विशेष फीचर है, जिसमें निवेश और प्रोटेक्शन दोनों का समावेश होता है.
  • परंतु, इसके बावजूद, यूलिप पॉलिसी में किसी भी प्रकार की निवेश रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है.
  • यूलिप प्लान में निवेश अक्शम और सेम्यूचुअल फंड की तरह होता है, और यह बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित होता है.
  • आप यूलिप पॉलिसी में खुद तय कर सकते हैं कि आपका पैसा शेयर या बॉन्ड में कैसे निवेश किया जाए.
  • इसका मतलब है कि आपके निवेश का प्रबंधन आपके हाथ में होता है, लेकिन यह बाजार की मांग और सप्लाई पर निर्भर रहता है।

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