Success Story, Motivational news : अक्सर लोग एक या दो असफल प्रयासों के बाद निराश हो जाते हैं, लेकिन ऐसे भी जुनूनी लोग होते हैं, जो हर असफलता से सीखते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए नए रास्ते ढूंढ़ते हैं।
Highlights
- बार-बार असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार
- खड़ी कर दी है 500 करोड़ की कंपनी
- जैन ग्रुप की नौकरी छोड़ कर की एमबीए
- स्पेशियलिटी फूड्स से मिले अनुभव से बना डाली हैपिलो कंपनी
Success Story, Motivational news
हम आपको एक ऐसी ही व्यक्तित्व से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने शार्क टैंक इंडिया सीजन-2 के नए शार्क विकास धनमल नाहर की पहचान बनाई है. वे हैपिलो के ड्राई फ्रूट्स और स्नैक ब्रांड के संस्थापक हैं और आगामी शार्क टैंक इंडिया डिजिटल-ओनली एपिसोड, “शार्क टैंक इंडिया गेटवे टू शार्क टैंक इंडिया-2”, में भाग लेने वाले हैं। हाल ही में उनके साथ शार्क टैंक इंडिया के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर एक विशेष एपिसोड का इंट्रो भी साझा किया गया है।
20 बार फेल होने के बाद खड़ी की 500 करोड़ की कंपनी
वह बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने लगातार विफलता का सामना करते हुए भी हार नहीं मानी. इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने 500 करोड़ की एक कंपनी की स्थापना कर दी है. विकास डी नाहर ने साल 2016 में केवल 10 हजार रुपये की शुरुआत करके हैपिलो कंपनी की स्थापना की थी. और आज इस कंपनी की मूल्य 500 करोड़ रुपये है।
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Success Story –बार बार कोशिश ही सफलता का राज
- विकास डी नाहर ने 500 करोड़ की कंपनी बनाने के लिए 20 बार असफलता का सामना किया.
- उन्होंने कभी हार नहीं मानी, मजबूत इरादे के साथ आगे बढ़ते रहे.
- उनका सफलता का सबसे बड़ा राज है – बार-बार कोशिश करना.
- विकास डी नाहर की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें सफलता तक पहुंचाया.
- उनका उदाहरण हमें यह सिखाता है कि असफलता से डरना नहीं चाहिए
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नौकरी छोड़कर किया एमबीए
- विकास डी नाहर ने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से बीसीए पूरा किया था और उन्होंने जैन ग्रुप में नौकरी शुरू की थी।
- नौकरी के बीच में उन्होंने सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से एमबीए प्राप्त की।
- उन्होंने सात्विक स्पेशियलिटी फूड्स में प्रबंध निदेशक के तौर पर काम शुरू किया था।
- इस कंपनी के साथ काम करते करते मिले अनुभव ने ही हैपिलो कंपनी बनाने में मदद की।
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