BEd vs BTC New Update: अब बीएड को प्राथमिक में शामिल करने के लिए बीएड वाले ही बन गए बीएड के दुश्मन, अब SC में पहुँचा मामला। 11 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, बीएड डिग्रीधारियों में गहरी निराशा छाई हुई है, और आपको जानकारी होगी कि बिहार में हुई शिक्षक भर्ती से बीएड के लिए पूरी तरह से प्राथमिक भर्ती के लिए किये जाने वाले आवेदन के बाहर हो जाने की समस्या भी है।
पटना हाई कोर्ट में बिहार सरकार की याचिका ख़ारिज (BEd vs BTC New Update)
- नितीश सरकार के लिए अच्छे दिन नहीं आए, क्योंकि हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया।
- यह निराशा विभिन्न याचिकाकर्ताओं और संघों द्वारा समर्थन मिलने वाले मामलों का हिस्सा था।
- दीपांकर गौरव और मीकू पाल जैसे प्रमुख अधिवक्ताओं ने मामले की दिलचस्पी बढ़ाई।
- उन्होंने बीएड की प्राथमिक में योग्यता को बचाने के लिए सख्ती से आवाज बुलंद की।
- इस निर्णय ने बिहार सरकार की योग्यता मामले में एक महत्वपूर्ण कोण को झटका दिया।
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बीएड ही बने बीएड के दुश्मन मुद्दा पहुँचा सुप्रीम कोर्ट
- कई बीएड अभ्यर्थी ने मान्यता है कि पिछली शिक्षक भर्तियों में उन्हें मौका मिला था।
- वे आशंका कर रहे हैं कि उन्हें अचानक अयोग्य क्यों ठहराया जा रहा है।
- इसके बावजूद, इस मामले का गलत असर भी हो सकता है।
- यह सवाल उठाने से शिक्षा नीति में सुधार की आवश्यकता हो सकती है।
- विचारकों का मानना है कि समर्पित शिक्षा विद्यार्थियों के साथ इस विवाद का समाधान हो सकता है।
- यह फैसला पुनः सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले का हिस्सा है, और अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को है।
- इसका मतलब है कि पुरानी भर्तियों पर बीएड की नियुक्ति पर सवाल हो सकता है।
- इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सहमति पर निर्भर हो सकता है कि क्या पिछली भर्तियों पर जाँच की जाए।
- सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस सवाल पर अन्य एक्शन की संभावना भी है।
- 20 अक्टूबर की सुनवाई में फैसला सर्वोपरि न्यायिक अदालत से क्या आता है, इसका बेसब्री से इंतजार है।
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