Haryana: यमुनानगर में चीनी मिल जल्दी खुलने से सभी किसानों को मिली राहत
Ganna Parchi Calendar 2023: इस मौसम (2023-24) में, यमुनानगर सरस्वती शुगर मिल्स लिमिटेड ने अपने पेराई पहल को सामान्य समय से पहले मंगलवार को आरंभ किया। इससे क्षेत्र के गन्ना किसानों को बहुत खुशी हुई है। पेराई कार्य का उद्घाटन चीनी मिल के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) एसके सचदेवा ने किया। अपनी उत्कृष्ट कार्यप्रणाली और प्रदर्शन के साथ-साथ, यमुनानगर चीनी मिल किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए भी जानी जाती है। मिल पर किसानों का कोई भुगतान बकाया नहीं रहता।
Ganna Parchi Calendar 2023
गन्ने की बढ़ती कीमतों और सरकारी देरी में, किसानों का नाराजगी व्यक्त हो रहा है। उनकी मांग है कि गन्ने की कीमत 450 रुपये प्रति क्विंटल की बजाय घोषित की जाए। यमुनानगर जिला के टिकैत के यूनियन अध्यक्ष सुभाष गुज्जर ने इस बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि पेराई कार्य जल्दी शुरू होने से किसानों को गेहूं की बुआई के लिए समय मिलेगा, लेकिन गन्ने की कीमतों को लेकर वे अभी भी चिंतित हैं। यहां तक कि किसान नेता हरपाल सुढल ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने बताया कि चीनी मिलों की चालू होने से किसानों को फायदा हो सकता है, लेकिन सरकार अभी तक गन्ने की मूल्य घोषणा नहीं की है जिससे किसानों की तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
सीओओ एसके सचदेवा ने कहा 1995 से लगभग
Ganna Parchi Calendar 2023: हमने 28 साल बाद 31 अक्टूबर को चीनी मिल की संचालन शुरू की। पिछले सीजन में हमने 8 नवंबर को मिल का संचालन आरंभ किया था। उन्होंने किसानों के हित में मिल के प्रबंधन द्वारा मिल की संचालन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस शेड्यूल के तहत, हम गन्ने की अधिक मात्रा मिल सकेंगे और किसानों को अगली फसल की बोई करने के लिए समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस साल चीनी मिल ने 175 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल वास्तविक पेराई 166 लाख क्विंटल थी।
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chini mill udghatan haryana calendar –प्रबंधन द्वारा बनाए गए 45 क्रय केंद्र
- कारखाने में बेहतर गन्ने खरीदने के लिए, प्रबंधन ने 45 नए क्रय केंद्र तैयार किए हैं।
- ये केंद्र ट्रालियों के माध्यम से किसानों को सुगमता प्रदान करेंगे।
- चीनी मिल ने भी गन्ने के परिवहन के लिए अपने वाहन तैनात किए हैं।
- इससे किसानों को गन्ने बेचने में आसानी होगी और उन्हें लाभ होगा।
- इस बड़े क्षेत्रफल वाले कारखाने में नई पहचान प्राप्त करने वाले घनश्याम दास को भी सम्मानित किया गया है।
- इससे न केवल क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचाना गया है बल्कि उनके प्रयासों की सराहना भी की गई है।
- गन्ने की खरीद में नये उपायों की शुरुआत से, स्थानीय किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
- इससे खेती में लागत कम होगी और किसानों की आय बढ़ेगी, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके।
किसान समय पर गेहूं की बुआई कर सकेंगे
मुख्य परिचालन अधिकारी एसके सचदेवा और नयना पुरी ने बताया कि उनकी योजना से यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, और अंबाला जिलों में बसे करीब 22 हजार किसानों को बड़ा फायदा होगा। इससे किसान अब समय पर अपनी खेतों में गेहूं की बुआई कर सकेंगे। इसके अलावा, उन्हें अब कोल्हू पर औने-पौने दाम पर गन्ना नहीं डालना पड़ेगा ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही से निभा सकें।
उन्होंने बताया कि चीनी मिल में जिस क्षेत्रफल पर काम हो रहा है, उसमें इस बार गन्ने की बुआई के लिए लगभग 96 हजार एकड़ जमीन इस्तेमाल की जा रही है। इसके अलावा, मिल प्रबंधन ने इस बार 45 क्रय केंद्र तैयार किए हैं जिनसे गन्ने की खरीद की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
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Ganna Parchi Calendar 2023 –175 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य
यमुनानगर की सरस्वती शुगर मिल | मंगलवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया |
मिल पिछले साल | 7 नवंबर को शुरू हुई थी |
22 हजार किसानों को फायदा होगा | उन्हें कोल्हू पर औने-पौने दाम पर गन्ना नहीं डालना पड़ेगा। |
चीनी मिल समय से पहले शुरू की गई है | किसानों को काफी फायदा होगा. |
मिल से गन्ना पर्ची जारी होते ही | किसान के पास मैसेज पहुंच जाएगा। |
गन्ने का क्षेत्रफल करीब 96 हजार एकड़ है | इस बार मिल प्रबंधन ने गन्ना खरीद के लिए 45 क्रय केंद्र बनाए हैं |
अंबाला जिले के करीब 22 हजार किसानों | समय पर गेहूं की बुआई कर सकेंगे |
चीनी मिल पिछले साल 7 नवंबर को शुरू हुई थी
- शहरीकृषि कार्यक्रम के तहत, किसान गन्ना को ट्राली से केन्द्रों पर भेज सकते हैं.
- गन्ने की परिवहन सुविधा को बढ़ावा देने के लिए चीनी मिल ने वाहन तैनात किए हैं.
- किसानों को अब सीधे चीनी मिल में भी गन्ना डालने की सुविधा है.
- पिछले वर्ष, चीनी मिल में बड़ी मात्रा में गन्ने की पेराई की गई थी, जो उनके लिए उत्तरदायित्व का कारण बनी.
- मिल ने बताया कि 31 अक्टूबर को पेराई सत्र शुरू हो रहा है, जो 28 साल बाद हो रहा है.
- यह मिल की पहली पेराई सत्र की शुरुआत 1995 में हुई थी, जो उनके लिए महत्वपूर्ण घटना थी.
- इससे पहले, मिल की पिछले साल की पेराई सत्र 7 नवंबर को शुरू हुई थी.
- सरस्वती चीनी मिल हरियाणा और पंजाब में पहली ऐसी मिल है जिसने इतनी तेजी से अपना काम शुरू किया है.
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इन जिलों के किसानों को फायदा होगा
- पिछले वर्ष में 166 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई होने की रिपोर्ट आई थी।
- 28 साल के अंतराल के बाद फिर से 31 अक्टूबर को पेराई सत्र शुरू हुआ है।
- यह चीनी मिल ने अपने शुरूआती दौर में 1995 में लॉन्च किया था।
- सरस्वती शुगर मिल हरियाणा और पंजाब की पहली चीनी मिल है।
- मिलिंग सीजन की शुरुआत से 22 हजार किसानों को फायदा होने वाला है।
- इसके जरिए किसान समय पर गेहूं की बुआई कर सकेंगे।
- चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने बताया कि यह मिल की फिर से शुरुआत उम्मीदवार है।
- गन्ने की प्रमुख उत्पादकों में से यह उनमें से एक है।
- इससे क्षेत्र की कृषि उपज और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- इस सत्र में अधिक मात्रा में गन्ना उत्पादन की उम्मीद है।
- स्थानीय किसानों के लिए इसका यह एक बड़ा और सकारात्मक कदम है।
- गन्ना मिल से जुड़े करीबी क्षेत्रों में रोजगार की भी संभावना है।
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सरस्वती शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र शुरू
- सरस्वती शुगर मिल में पूजा-अर्चना के बाद गन्ना पेराई सत्र आयोजित हुआ।
- इस सत्र का उद्घाटन चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एसके सचदेवा और नयना पुरी ने किया.
- मिल ने चीनी प्रबंधन में अंबित मान के साथ 175 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य तय किया है.
- चीनी मिल में अब सल्फर मुक्त डबल रिफाइंड चीनी बनाई जाएगी.
- इसके लिए नई तकनीक की मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है.
- इस नए प्रक्रिया से, चीनी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
- अंतरराष्ट्रीय खाद्य उत्पाद कंपनियों और दवा निर्माण के लिए सल्फर मुक्त चीनी की मांग बढ़ी है.
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