insurance companies have come under the radar of Ombudsman: एलआईसी (LIC) की पूर्व प्रबंध निदेशक सुनीता शर्मा ने कहा, ग्राहकों को बीमा पॉलिसी देखने का समय रखें। उनके अनुसार, छूट अवधि के दौरान कंपनियां संबंधित रहती हैं और फिर गायब हो जाती हैं। ग्राहकों को बीमा पॉलिसी की विचार के लिए समय रखना महत्वपूर्ण है, उनके अनुसार। शर्मा ने बताया कि कंपनियां ग्राहकों से संबंधित रहती हैं छूट की अवधि तक।
insurance companies have come under the radar of Ombudsman
Life Insurance: आपने जीवन बीमा लिया क्या? अगर नहीं तो, लेते समय इन 9 बातों की जानकारी जरुर रखें?
insurance companies have come under the radar of Ombudsman –ओम्बुड्समैन ने किस बात पर जताई आपत्ति?
- सुनीता शर्मा, पूर्व LIC प्रबंध निदेशक, बताईं कि बीमा पॉलिसी की छूट अवधि में कंपनियां गायब हो सकती हैं।
- बीमा पॉलिसीधारकों को 15 दिन की समय सीमा मिलती है नियमों की समीक्षा और वापसी के लिए।
- इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी में यह समय 30 दिन होता है, जो और भी अधिक है।
- शर्तों की अनुसरण के बाद पॉलिसीधारक गलत बिक्री का दावा करने में सक्षम होते हैं।
- ग्राहकों को चाहिए अपनी पॉलिसी की स्थिति को नियमित रूप से चेक करना।
- छूट अवधि के बाद, कंपनियां संपर्क में रहती हैं, लेकिन फिर गायब हो सकती हैं।
- सुनीता शर्मा ने कहा कि पॉलिसीधारकों को स्वीकार्यता की समीक्षा करनी चाहिए।
- नियमों के खिलाफ, पॉलिसी को 15 दिन के भीतर वापस करने का अधिकार होता है।
- इस अवधि में, ग्राहक गलत बिक्री के खिलाफ दावा कर सकता है।
- इसके लिए, बीमा पॉलिसीधारकों को सतर्क रहना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।
दिवाली पर कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, राज्य सरकार ने किया कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान
बीमा लोकपाल करते हैं शिकायतों का समाधान
- बीमा लोकपाल शिकायतों का समाधान करते हैं।
- बीमा कंपनियों से शिकायतें हैं दर्ज।
- पॉलिसी दस्तावेज समय पर नहीं आते।
- सलाह: दस दिनों में भेजें दस्तावेज।
- शिकायतों का निपटान अर्ध-न्यायिक।
- नियमों का पालन करें बीमा कंपनियों का।
- सेल्फ कंटेन्ड नोट सही दस्तावेज है।
- बीमा लोकपाल सुनते हैं ग्राहकों की बातें।
- शिकायतें हल हों तात्काल।
- दस दिनों का समय अवश्य ध्यान में रखें।
Tiger 3 Review: यशराज फिल्म्स की जासूसी दुनिया की ‘टाइगर 3’ ने मचाया बॉक्स ऑफिस में धमाल
थर्ड पार्टी एडमिन की भूमिका की जांच की भी जरूरत
- सुनीता शर्मा ने टीपीए प्रशासकों की भूमिका की समीक्षा की मांग की है।
- बीमाकर्ता उनसे प्रभावित होने की बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- 2022-23 में बीमा लोकपाल कार्यालयों में 55,946 शिकायाएं प्राप्त हुईं।
- 92.28% शिकायाएं बीमा लोकपाल के कार्यालयों ने निपटाईं।
- बीमा लोकपाल ने 51,625 शिकायाओं का संक्षेप से निपटाया।
- वित्त वर्ष 2022-23 में दिल्ली ने 5,257 शिकायाएं सुलझाईं।
- ‘बीमा लोकपाल’ संस्था का स्थापना दिवस 11 नवंबर को मनाया जाता है।
- सुनीता शर्मा ने बीमा लोकपाल दिवस पर संबंधित पक्षों से बातचीत की।
- दिल्ली केंद्र ने 2022-23 में सभी 5,257 शिकायाओं का समाधान किया।
- ‘बीमा लोकपाल’ संस्थान के स्थापना दिवस को 11 नवंबर को मनाते हैं।
हमारे ग्रुप से जुड़े | Click Here |
आधिकारिक वेबसाइट | Click Here |
Disclaimer :- हम जानते हैं कि सोशल मीडिया पर बहुत सी ऐसी ख़बरें वायरल होती हैं, इसलिए हम सभी को सतर्क रहने की सलाह देते हैं ! हम चाहते हैं कि आप आधिकारिक स्रोतों से जाँच करें और ख़बर की सटीकता को सुनिश्चित करें, क्योंकि यहाँ दी गई जानकारी के लिए “wdeeh.com” कोई ज़िम्मेदारी नहीं स्वीकार करता है !