8th pay commission: केंद्र सरकार में करीब एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स को डीए/डीआर में चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 महीने के ‘डीए’ एरियर के मामले में सरकार ने कोई आधिकारिक भंग नहीं की है। इस मुद्दे पर अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव, सी. श्रीकुमार ने राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में विवाद उत्पन्न किया है।
8th pay commission: इस मामले में कर्मचारियों ने 18 महीने के डीए एरियर के भुगतान की मांग की है, जो कोरोनाकाल के कारण रोका गया था। हालांकि, सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। जेसीएम स्टाफ साइड की बैठक में एआईडीईएफ के महासचिव ने इस मुद्दे को महत्वपूर्णता देने का आग्रह किया है।
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कोरोनाकाल में रोका गया था डीए का भुगतान
कोरोनाकाल के दौरान, जनवरी 2020 से जून 2021 तक, केंद्र सरकार ने 18 महीने के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 3 किस्तों को रोक लिया था। उस समय, सरकार ने आर्थिक स्थिति की चुनौती की बात की थी। राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने उस समय कैबिनेट सचिव के साथ एक बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। उस समय कर्मियों की आशा थी कि उन्हें बकाया राशि मिलेगी। गत बजट सत्र में, इस मांग को केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया, जिससे कर्मियों की उम्मीदें भंग हो गईं। इसके परिणामस्वरूप, सरकार की यह निर्णय पर आलोचना हो रही है।
सी. श्रीकुमार के अनुसार, सरकार की दृष्टि में गड़बड़ हो चुकी है। 2020 में, कोविड-19 के परिस्थितियों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। इस निर्णय से, केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये की बचत कर ली थी जिसमें कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान शामिल था।
इसके बाद, कर्मचारी संगठनों के प्रतिष्ठानुमान के अनुसार, सरकार को एरियर के भुगतान के संबंध में 18 महीने तक तर्कशास्त्र किया गया। इस अवधि के दौरान, कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार को विभिन्न विकल्पों की सुझाव दी थी, जिसमें एकमुश्त एरियर भुगतान भी शामिल था।
सरकार की घोषणा का निकला यह मतलब
- केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता मिलेगा उनकी घोषणा के बाद।
- ठाकुर ने इसमें एरियर पर कोई बात नहीं कही, सिर्फ महंगाई भत्ते की बात की।
- घोषणा के अनुसार, डीए की दर में 1 जुलाई 2021 से 28% की वृद्धि होगी।
- जून-जुलाई 2021 के बीच डीए में 11% वृद्धि हुई, पहले 2.5 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई।
- डीए/डीआर को एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक फ्रीज किया गया था।
- कोरोना के समय तीन किस्तों को रोका गया था, जो जनवरी 2020, जुलाई 2020, और जनवरी 2021 थीं।
- जुलाई 2021 में सरकार ने महंगाई भत्ते को फिर से शुरू किया, लेकिन बकाया पैसा नहीं दिया गया।
- सरकार ने तब 18 महीने की बकाया तीन किस्तों का पैसा नहीं दिया।
- अनुसार, महंगाई भत्ते को बढ़ाने का फैसला लिया गया था जुलाई 2021 में।
- ठाकुर की घोषणा के बाद सरकार ने तीन किस्तों का पैसा देने पर कोई कदम नहीं उठाया।
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राष्ट्रीय परिषद की 48वीं बैठक में क्या हुआ था?
- कर्मचारी संगठनों ने एरियर के लिए केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया।
- श्रीकुमार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेतन और पेंशन कर्मियों का पूर्ण अधिकार है।
- राष्ट्रीय परिषद के सचिव/कर्मचारियों ने 16/04/2021 को फ्रीज के खिलाफ विरोध किया।
- कर्मियों ने डीए/डीआर को फ्रीज करने के सरकार के फैसले का बड़ा विरोध किया।
- कर्मियों ने सरकार के इस कदम को वेतन आयोगों की स्वीकृत सिफारिशों के खिलाफ बताया।
- कर्मचारी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का समर्थन किया और अपने हक की मांग की।
- सरकार के फैसले ने कर्मियों को नाराज किया और उनका आंदोलन बढ़ाया।
- कर्मियों ने वेतन आयोगों के सुझावों के खिलाफ अपनी आपत्ति जाहिर की।
- जेसीएम के सचिव/कर्मचारियों ने पत्र के माध्यम से सरकार के कदम का खुलासा किया।
- कर्मियों ने सरकार से न्यायपूर्ण और सही समाधान की मांग की।
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Da arrears
- 26 जून 2021 को हुई जेसीएम की 48वीं बैठक में स्टाफ साइड ने मांग की कि 01/01/2020 से केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तीन किस्तों का भुगतान करे।
- इस मांग का समर्थन करते हुए, जेसीएम सेक्रेटरी ने कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा।
- उन्होंने फरवरी 2021 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि डीए/डीआर की तीन किस्तें देना उचित है।
- स्टाफ साइड ने यह मांग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लाभ के लिए की थी।
- जेसीएम की 48वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि इस मुद्दे पर कार्रवाई होनी चाहिए।
- कैबिनेट सचिव को लिखे गए पत्र में स्टाफ साइड ने न्यायिक फैसले की महत्वपूर्णता को उजागर किया।
- उन्होंने डीए/डीआर की तीन किस्तों का प्रमुख आर्थिक लाभ साझा करने का विरोध किया।
- जेसीएम सेक्रेटरी ने अपने पत्र में सरकार से त्वरित क्रियावली का आग्रह किया।
- उन्होंने कहा कि यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए न्यायसंगत है।
- जेसीएम की बैठक ने सरकार से उचित समर्थन और अनुसरण की मांग की।
8th pay commission
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, आर्थिक संकट के कारण वेतन रोकना संविदानिक है।
- कर्मचारियों को सुधार के बाद वेतन वापस मिलेगा।
- अस्थायी रूप से रोकने पर कर्मियों को वैधिक अधिकार है।
- स्थिति सुधारने पर उन्हें वेतन वापस करना अनिवार्य है।
- कर्मचारियों का वैद्य अधिकार सुरक्षित होना चाहिए।
- इस फैसले से विधि के मुताबिक भुगतान होगा।
- सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायिक स्वतंत्रता को बनाए रखा है।
- आर्थिक क्रियाशीलता के हालात में यह निर्णय लिया गया।
- स्थिति में सुधार के बाद कर्मचारियों को समर्थन मिलेगा।
- कानून के अनुसार, वेतन और पेंशन का नियमित भुगतान होना चाहिए।
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