Coronavirus New Variant: JN.1 Variant कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंटों में से एक, जेएन.1, को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब विशेष वर्ग में रखा है। डब्ल्यूएचओ ने इसे उच्च स्वास्थ्य जोखिम वाला माना है।
WHO On JN.1 Variant: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में श्रेणीबद्ध किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को अधिक खतरा नहीं है। JN.1 को पहले उसके मूल वंश BA.2.86 के एक हिस्से के रूप में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
डब्ल्यूएचओ ने इस संदर्भ में कहा, ”मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर JN.1 से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है।” न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि मौजूदा टीके JN.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस शेयरिंग की अपील की थी, कहते हुए कि वायरस बदल रहा है और विकसित हो रहा है।
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‘डब्ल्यूएचओ की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करें’ Coronavirus New Variant:
- WHO ने X पर विचार किया, “डॉ. मारिया वान केरखोव (अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ) ने श्वसन संबंधी बीमारियों कोविड-19 और जेएन.1 सब-वैरिएंट में मौजूदा उछाल के बारे में बताया.”
- विशेषज्ञ डॉ. मारिया वान केरखोव के अनुसार, डब्ल्यूएचओ स्थिति का आकलन जारी रख रहा है.
- इस छुट्टियों में, सुरक्षित रहने के लिए डब्ल्यूएचओ की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करें.
- WHO ने जेएन.1 सब-वैरिएंट के बारे में डॉ. मारिया वान केरखोव से जानकारी प्राप्त की.
- विशेषज्ञ ने श्वसन संबंधी बीमारियों का मौजूदा उछाल कोविड-19 में चर्चा की.
- डब्ल्यूएचओ ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सलाह दी, खासकर छुट्टियों के मौसम में.
- समझदारी से अपने परिवार और दोस्तों की सुरक्षा के लिए डब्ल्यूएचओ की सलाहों का पालन करें.
- WHO ने X पर डॉ. मारिया वान केरखोव की बातों को महत्वपूर्ण माना.
- डब्ल्यूएचओ का सुझाव: समय पर वैक्सीनेशन और सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक उपायों का अनुसरण करें.
- छुट्टियों के मौसम में सावधानी बरतकर कोविड-19 के खिलाफ डब्ल्यूएचओ की सलाहों का पालन करें
भारत में सामने आ चुका है जेएम.1 का मामला
- 8 दिसंबर को भारत में जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आया, केरल में 79 वर्षीय महिला संक्रमित हुई.
- इसके पर्यावरणीय प्रकरण के कारण, केरल समेत पड़ोसी राज्यों में अलर्ट घोषित हुआ.
- 18 दिसंबर को, केंद्र ने राज्यों से अलर्ट रहने और टेस्ट करने की सलाह दी.
- सरकार ने राज्यों से आरटी-पीसीआर और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG प्रयोगशालाओं में नमूने भेजने की सुझाव दी.
- अपनी स्थिति को संज्ञान में रखने के लिए राज्यों से सतर्क रहने का आदान-प्रदान किया गया है.
- केरल में बढ़ रहे मामलों के कारण, सुरक्षा के उच्च स्तर का संज्ञान रखा जा रहा है.
- आपत्ति स्थिति के लिए राज्यों को उपचार और संबंधित सुरक्षा कदमों की जरूरत है.
- स्वास्थ्य प्रणाली को स्थिति का सीधा सामना करने के लिए तैयार रखने का सुझाव दिया गया है.
- निगरानी और सख्त कदमों के साथ, समर्थन प्रदान करने के लिए सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है.
- नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षा नियमों का पालन करने का आदान-प्रदान किया जा रहा है.
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Coronavirus New Variant:
उन्होंने बताया, “कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। उन मरीजों को अस्पताल में लाया गया था जिन्हें अन्य बीमारियां थीं, और इनमें से कुछ मरीजों में कोविड का पता अचानक लगा।”
केरल, महाराष्ट्र, झारखंड, और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में दैनिक संक्रमण दर में वृद्धि देखी गई है, जैसा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार बताया। इस अपडेट के मुताबिक, भारत में 21 मई के बाद एक दिन में सबसे अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के 614 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे देश में उपचाराधीन मामलों की संख्या बढ़कर 2,311 हो गई है।
coronavirus india Coronavirus New Variant:
- डब्ल्यूएचओ ने ‘जेएन.1’ को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ कहा, लेकिन ज्यादा खतरा नहीं है।
- यह कोरोना वायरस के बीच तेजी से बढ़ते मामलों से जुड़ा हुआ है।
- वैश्विक जनस्वास्थ्य को डब्ल्यूएचओ के अनुसार ज्यादा खतरा नहीं है।
- ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा से जुड़ा हुआ है।
- इससे संबंधित है बीए.2.86 वंशानुक्रम (लीनिएज)।
- कई देशों में जेएन.1 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- इसका प्रसार हाल के सप्ताहों में वैश्विक स्तर पर तेजी से हो रहा है।
- डब्ल्यूएचओ ने जीआईएसएआईडी से जुड़े बीए.2.86 को बताया है।
- ‘जेएन.1’ से जुड़ा हुआ वेरिएंट विश्व स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरा नहीं है।
- डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह वायरस गंभीरता के साथ देखा जा रहा है, लेकिन भीड़ में फैलाव का खतरा कम है।
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