Employees Regularization, Regular Employees, Employees Benefit : नियमितीकरण नीति के अनुसार, नियमित करने के आदेश 6 सप्ताह के अंतराल में दिए गए हैं। यह समयावधि निर्धारित है ताकि संवाहक इसे पूरा कर सकें। इस आदेश का पालन करने से विवादों से बचा जा सकता है और कार्य की सुविधा बढ़ाई जा सकती है। नियमितीकरण की प्रक्रिया को समझने में सभी संबंधित स्थानीय अधिकारियों को समय दिया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में सामाजिक समानता और पारदर्शिता को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को आराम देने का आदेश दिया है। उसने त्वरित अनुशासन के निर्देश भी जारी किए हैं। इस समय में अस्थाई कर्मचारियों को भी दिनचर्या वेतन दिया जाएगा जो नियमित कर्मचारियों की श्रेणी में आते हैं।
Ladli Behna Awas Yojana 1st List: अब लाड़ली बहना आवास योजना की लिस्ट जारी, यहाँ से लिस्ट चेक करें
आदेश के बाद जल्दी प्रक्रिया शुरू
हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो सकती है। इस आदेश के अनुसार, बिल आधारित अस्थाई कर्मचारियों को भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की तरह नियमित किया जाना है। यह निर्णय विवादों को समाधान करने और कानूनी समय सीमा के अंदर कार्रवाई करने का दिशा-निर्देश देता है। इसके प्रभाव से संबंधित विभागों में सक्रियता देखने की उम्मीद है। यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Hike In DA-DR: अब बिजली कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए गुड न्यूज, डीए-डीआर में बढ़ोत्तरी
संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन
हाई कोर्ट के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने राम सिंह के मामले में जारी किए गए अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि प्रतिवादी वन विभाग अब वेतन और काम करने वाले कर्मचारियों के बीच अंतर पैदा कर रहा है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। इस मुद्दे पर उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ऐसा विभाजन समानता के सिद्धांत के खिलाफ है जो समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देता है। उन्होंने इस मामले के लिए सरकारी विभागों को अधिसूचित करने का आदेश दिया है ताकि समान वेतन और अवसरों के लिए संविधानिक अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।
Jharkhand Weather : झारखंड में भट्टी की तरह तपेंगे ये 5 जिले, हीटवेव का रेड अलर्ट
हाई कोर्ट का आदेश
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि दैनिक वेतन भोगी और बिल आधारित कर्मचारियों को समान सेवा प्रदान करनी चाहिए। विभाग द्वारा इन दोनों प्रकार के कर्मचारियों के बीच किए गए वर्गीकरण को अनुच्छेद 14 के अंतर्गत असंवैधानिक माना गया है। न्यायालय ने कहा कि यह वर्गीकरण संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। राज्य सरकार की 22 अप्रैल 2020 की नीति के अनुसार, नियमितीकरण के आदेश से प्रार्थी को केवल इस आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता कि उसका नाम दैनिक वेतन भोगी के बजाय बिल बोर्ड कर्मचारी के रूप में है। कोर्ट ने कहा कि सेवा में समानता होनी चाहिए, चाहे कर्मचारी का नाम किसी भी श्रेणी में हो। दैनिक वेतन भोगी और बिल बोर्ड कर्मचारियों को समान अधिकार देने की बात कोर्ट ने जोर दी।
Employees Regularization
- हाई कोर्ट के आदेश के बाद अस्थाई कर्मचारी भी जल्द ही नियमित हो सकते हैं।
- याचिकाकर्ता को नियमितीकरण के मापदंड पूरा करने पर यह अधिकार प्राप्त होगा।
- आदेश में समानता के अधिकार को सभी के लिए अनिवार्य बताया गया।
- नामकरण के आधार पर किसी को भी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
- याचिकाकर्ता की तरह अन्य कर्मचारियों के मामले में दो बार ट्रेनिंग दी गई।
- विभाग ने नियमितीकरण के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए।
- 240 दिन से अधिक काम करने के बावजूद कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया।
- नियमितीकरण के मापदंड पूरा करने वाले सभी कर्मचारी इसका लाभ ले सकते हैं।
- हाई कोर्ट ने समानता के अधिकार को प्रमुखता दी है।
- नियमितीकरण के लिए आवश्यक शर्तें पूरी करने पर कर्मचारियों को यह अधिकार मिलेगा।
8th Pay Commission: खुशखबरी-खुशखबरी! केंद्रीय कर्मचारियों की खुली किस्मत
नियमितीकरण का लाभ Employees Regularization
- प्रार्थी की हिमाचल हाई कोर्ट में दायर याचिका पर निर्णय हुआ।
- उन्हें नियमितीकरण का लाभ मिलेगा।
- 22 अप्रैल की नीति के अनुसार उन्हें 6 सप्ताह में नियमित करने का आदेश है।
- जल्दी ही उन्हें नियमितीकरण का लाभ प्राप्त होगा।
- याचिकाकर्ता को वित्तीय लाभ याचिका दायर करने की तारीख से मिलेंगे।
- ये वित्तीय लाभ 3 साल तक सीमित रहेंगे।
- अदालत ने नियमितीकरण के आदेश दिए हैं।
- नीति के अनुसार उन्हें समय सीमा के भीतर नियमित करना होगा।
- अदालत ने प्रार्थी को लाभ देने का निर्णय लिया।
- वित्तीय लाभ सीमित समय के लिए दिए जाएंगे।
हमारे ग्रुप से जुड़े | Click Here |
आधिकारिक वेबसाइट | Click Here |
Disclaimer :- हम जानते हैं कि सोशल मीडिया पर बहुत सी ऐसी ख़बरें वायरल होती हैं, इसलिए हम सभी को सतर्क रहने की सलाह देते हैं । हम चाहते हैं कि आप आधिकारिक स्रोतों से जाँच करें और ख़बर की सटीकता को सुनिश्चित करें, क्योंकि यहाँ दी गई जानकारी के लिए “wdeeh.com” कोई ज़िम्मेदारी नहीं स्वीकार करता है।