Employees OPS 2024, Old Pension Scheme, OPS 2024, Employees Old Pension Scheme : झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ओपीएस लागू किया गया है। ये राज्य अब ओपीएस प्रणाली का पालन कर रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना को इन राज्यों में पुनः स्थापित किया गया है। इन सभी राज्यों ने ओपीएस को अपनाया है। ओपीएस की शुरुआत इन पांच राज्यों में हो चुकी है। झारखंड, पंजाब, हिमाचल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ओपीएस को लागू किया गया है।
Employees OPS 2024, Old Pension Scheme, OPS 2024, Employees Old Pension Scheme: देश भर में पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर कर्मचारियों का आंदोलन जोर पकड़ रहा है। हाल ही में वित्त सचिव ने इस मुद्दे पर अपना विचार व्यक्त किया है। उनके बयान के अनुसार, पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना संभव नहीं है। वित्तीय दृष्टिकोण से यह योजना व्यावहारिक नहीं है, ऐसा वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का मानना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य और देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करना मुश्किल है। इसके बावजूद कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
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पुरानी पेंशन व्यवस्था वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं
वित्त मंत्री टी.वी. सोमनाथ ने यह स्पष्ट किया कि इसे पुनः लागू करने से उन नागरिकों को नुकसान होगा जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। इसके अलावा, वित्त सचिव ने जानकारी दी कि एनपीएस के संबंध में कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकार के साथ कुछ महत्वपूर्ण चर्चाएँ हुई हैं।
वित्त सचिव का कहना है कि जल्द ही इस मामले में आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। सरकारी नौकरी में कार्यरत न होने वाले नागरिकों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसा कि वित्त मंत्री ने बताया है। एनपीएस को लेकर हो रही बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो वित्त सचिव ने बताई है। इस मुद्दे पर जल्दी ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, वित्त सचिव ने यह आश्वासन दिया है।
कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू
देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना पहले से ही लागू है। इसके विपरीत, कुछ राज्य अभी भी इस योजना की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। कर्मचारी संगठन लगातार पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं। कई राज्यों में इस मांग को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। आंदोलन की धमकी से सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।
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एनपीएस शेयर बाजार से जुड़ा
वित्त सचिव टीवी सोमनाथ ने जानकारी दी कि एनपीएस पर बनी समिति का कार्य अभी जारी है और पूरा नहीं हुआ है। कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों के साथ इस पर बातचीत की जा रही है, जिसमें कुछ प्रगति भी हुई है।
कर्मचारियों की कुछ चिंताएँ हैं जिनका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनपीएस एक नई योजना है और इसे शेयर बाजार से जोड़ा गया है। इस योजना में उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कितनी पेंशन मिलेगी।
बदलाव की मांग
रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन में महंगाई भत्ता जैसी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि महंगाई से निपटा जा सके और पेंशन का वास्तविक मूल्य न घटे। यदि किसी ने 30 साल तक नौकरी नहीं की है, तो उसके लिए न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। एनपीएस में भी कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया जा सकता है। टीवी सोमनाथन ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था वित्तीय रूप से देश के लिए संभव नहीं है और इसे वापस लाना गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए हानिकारक होगा। पिछले साल वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा और एनपीएस में आवश्यक सुधारों के लिए एक समिति गठित की थी, जिसकी अध्यक्षता वित्त सचिव कर रहे थे। इस समिति का मुख्य उद्देश्य पेंशन योजनाओं में बदलाव और सुधार करना था।
बदलाव के लिए समिति का गठन
इस समय मोदी सरकार का पुरानी पेंशन योजना लागू करने का कोई इरादा नहीं दिखता है, जिससे आर्थिक नुकसान की आशंका बढ़ रही है। इसके विपरीत, कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया है। इनमें कांग्रेस शासित राज्यों के साथ-साथ अन्य सहयोगी दलों द्वारा संचालित राज्य भी शामिल हैं। झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों ने इस योजना को अपनाया है। इन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे उन राज्यों में आर्थिक लाभ की उम्मीद की जा रही है।
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