केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से नई पेंशन योजना (NPS) के बजाय पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लाने की मांग कर रहे हैं। इन मांगों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने एक नई एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की शुरुआत की है। हालांकि, यह सवाल बना हुआ है कि क्या इस योजना का लाभ सभी राज्यों के कर्मचारियों को मिलेगा, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के कर्मचारियों को। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में इन प्रश्नों का उत्तर दिया है।
एकीकृत पेंशन योजना का अनिवार्यता का प्रश्न
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को अनिवार्य नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) अभी भी वैध है और इसे समाप्त नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकारें स्वयं इस बात का निर्णय लेंगी कि वे UPS को लागू करेंगी या नहीं। हालांकि, केंद्र सरकार ने UPS को एक विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे राज्य सरकारें इसे अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं।
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राज्य सरकारों की भूमिका और संभावना
निर्मला सीतारमण ने आशा व्यक्त की है कि अधिकांश राज्य UPS को अपनाएंगे क्योंकि इससे कर्मचारियों को महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे। केंद्र सरकार के अधीन आने वाले लगभग 2.3 लाख कर्मचारियों को UPS का लाभ जरूर मिलेगा। इससे पहले, सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने UPS को एक बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया है।
एकीकृत पेंशन योजना की विशेषताएँ
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि UPS के तहत कर्मचारियों को गारंटीशुदा पेंशन मिलेगी, जिसमें उनके मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, परिवार पेंशन का 60% हिस्सा भी सुनिश्चित किया जाएगा। यह योजना विशेष रूप से केंद्र सरकार के 2.3 लाख कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग और UPS की प्रस्तुति
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग कर रहा है। हाल ही में, ‘संयुक्त परामर्श तंत्र’ के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस मांग को दोहराया। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसलिए, UPS को एक संतुलित विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
UPS के तहत पेंशन का कैलकुलेशन
केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि UPS के तहत रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा। अगर कर्मचारी ने न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा की है, तो पेंशन का भुगतान आनुपातिक आधार पर किया जाएगा। UPS के तहत दी जाने वाली पेंशन की राशि महंगाई भत्ते (DA) के साथ बढ़ाई जाएगी, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
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निष्कर्ष
UPS अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे एक विकल्प के रूप में पेश किया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारी अपनी पसंद के अनुसार इस योजना को चुन सकते हैं या NPS में बने रह सकते हैं। UPS के माध्यम से सरकार ने कर्मचारियों को एक स्थिर और सुरक्षित पेंशन प्रदान करने की दिशा में कदम उठाया है। राज्य सरकारों की प्रतिक्रिया और UPS के भविष्य के बारे में आगे की स्थिति देखने वाली होगी।