केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन तथा प्राप्त होने वाले महंगाई भत्ते को लेकर के आए दिन कोई न कोई खबर आती ही रहती है। जो कि प्रत्येक केंद्रीय कर्मचारियों को प्रसन्न करने के साथ-साथ कभी कभी हताशा से भी भर देती है।
क्योंकि कई बार इससे संबंधित खबरें इच्छा अनुरूप नहीं आती है। जो की हताशा का कारण बनती है। आज के इस पोस्ट में हम सभी लोग 8वें वेतन आयोग से संबंधित कुछ अत्यंत आवश्यक तथ्यों पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।
इसके अलावा हम यह भी देखने का प्रयास करेंगे कि आखिर कर्मचारियों को बकाया डीए एरियर का पैसा किस प्रकार से प्राप्त होगा? इसके अतिरिक्त क्या केंद्रीय कर्मचारियों के अतिरिक्त भत्तों में भी किसी प्रकार की वृद्धि होगी?
कितने प्रतिशत की वृद्धि संभव है?
केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले 42% के महंगाई भत्ते में संभवतः कोई परिवर्तन करने की तैयारी में है। वर्तमान के समय में महत्वपूर्ण महंगाई की दर को देखते हुए 4% की वृद्धि संभव है।
किंतु इसके पश्चात जनवरी 2024 में भी 4% की वृद्धि संभव हो सकती है। लेकिन इससे संबंधित कोई भी ख़बर आधिकारिक तौर से नहीं जारी की गई है। किंतु प्रत्येक कर्मचारी के लिए यह एक प्रसन्न कर देने वाली खबर है।
अगर केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़े हुए दिए और महंगाई भत्ते का फायदा प्राप्त होता है, तो फिर इसका अर्थ यह होता है कि पेंशन भोगी कर्मचारियों को भी इसका लाभ प्राप्त होगा।
कैबिनेट की मंजूरी है बाकी
केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए काफी सारे निर्णय लिए जा रहे हैं। संभावनाएं जताई जा रही है, कि 180 दिनों के पश्चात सरकार कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के डिए और डिआर में लगभग 8% की वृद्धि कर सकती है।
वेतन में 4% डीए की वृद्धि 1 जुलाई को ही निर्धारित कर दी गई थी। अर्थात डीआर की फाइल को शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी संभवतः मिल सकती है। लेकिन अभी भी यह कार्य लंबित ही है।
केंद्रीय कर्मचारियों को यह जानकर के और भी अधिक प्रसन्नता होगी, कि इसके पश्चात अर्थात जनवरी 2024 में पुनः से डीए में 4% की वृद्धि संभव हो सकती है। इस दौरान डीए में वृद्धि का यह ग्राफ 50% के भी पास जा सकता है।
भक्ति में क्या परिवर्तन होगा?
अगर इस प्रकार से परिवर्तन होता है, तो फिर भत्ते में भी संभवतः 25% की वृद्धि हो जाएगी। अगर बात की जाए पेंशन भोगियों की तो केंद्रीय कर्मचारियों को किसी भी हालत में इस मुद्दे से हटने के लिए तैयार नहीं किया जा पाया है।
JFROPS के सदस्य तथा AITEF के महासचिव सी श्रीकुमार का यह कहना है, कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के हितों की और ध्यान नहीं दे रहीं हैं।
पुराने पेंशन की मांग को लेकर के 10 अगस्त को जब संसद भवन के समक्ष 200000 कर्मचारी एकत्रित हो गए थे। तो सरकार को इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ा था।
यह आवश्यक नहीं कि केंद्र में पे रिवाइज 10 वर्ष में हो
केंद्र सरकार में कर्मचारियों को 42% के हिसाब से डिए प्राप्त हो रहा है। वर्तमान समय में महंगाई की दर को मद्देनजर रखते हुए इस में 4% की वृद्धि संभव हो सकती है।
इसके पश्चात जनवरी 2024 में भी 4% की बढ़ोतरी शायद संभव है। सी श्रीकुमार यह बताते हैं कि संसद में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को जानकारी प्रदान करते हुए कहा है कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की कोई भी योजना वर्तमान में नहीं बनाई गई है।
केंद्र सरकार इस संदर्भ में भी विचार नहीं कर रही है। सी श्रीकुमार बताते हैं कि यह केंद्र सरकार की मनमर्जी है। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में वेतन आयोग का गठन हर 10 वर्ष में ही हो यह आवश्यक नहीं है।
वैसे तो पे कमीशन ने इसकी कोई भी स्पष्ट परिभाषा नहीं दी है कि कब और कितने सालों के पश्चात वेतन आयोग का गठन होना चाहिए। कुछ महीनों के पश्चात डिए 50% के पार हो सकता है। ऐसे में डिए और h.r.a. का स्वत: बढ़ना पूर्व निर्धारित है।
केंद्र सरकार के द्वारा ओपीएस की मांग पर एनपीएस में सुधार के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है। कर्मचारियों ने यह मांग तो कभी नहीं की है। सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के पश्चात एनपीएस आपदा के समान है।
एनपीएस में कर्मचारियों को लगभग ₹4000 से लेकर के ₹5000 की पेंशन के रूप में मिलते हैं। ऐसे में किसी भी हालत में 8वें वेतन आयोग को लागू कराने की मांग और भी ज्यादा प्रबल हो रही है।
सरकार ने इनकार किया वेतन आयोग के प्रस्ताव को
पिछले वेतन आयोग जो कि साल 2013 में गठित हुआ था। उसके 3 वर्ष के पश्चात आयोग की सिफारिश को लागू कर दिया गया था। उस हिसाब से 2026 में वेतन रिवाइज होना चाहिए।
इसके लिए साल 2023 में आयोग का गठन होना आवश्यक है। अब केंद्र सरकार ऐसे किसी आयोग के गठन से मना नहीं कर रही है। संसद में इस मुद्दे पर जो प्रश्न उत्तर हुए उनमें यह कहा गया है, कि जनवरी 2016 से जनवरी 2023 के मध्य में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में 42% की वृद्धि हो चुकी है।
इस अवधि के दौरान ही देश में प्रति व्यक्ति आय 111 बढ़ चुकी है। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि मुद्रास्फीति के परिणाम स्वरुप वेतन और पेंशन के असली मूल्यों में तो कटौती हो ही रही है। उसे पूरा करने के लिए डिए/ डिआर दिया जाता है।
वर्तमान में डीए 42% हो चुका है। प्रति व्यक्ति आय 3 गुना बढ़ चुकी है। इसके साथ ही साथ वस्तुओं के दामों में भी उसी अनुरूप वृद्धि देखने को मिली है। अर्थात केंद्र सरकार के कर्मी कम वेतन में काम करने हेतु विवश है। पिछले 3 वेतन आयोगों की ओर से यह कहा गया है कि अब डीए 50% तक पहुंच जाएगा।
निष्कर्ष
आज के इस पोस्ट में हमने आप सभी लोगों के समक्ष वेतन आयोग से संबंधित काफी सारी आवश्यक जानकारियां उल्लेखित कर दी है। हमें आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके लिए हितकारी सिद्ध होगा।