Chandrayaan-3 Mission: आज चांद पर अब अपने 3! क्या आप समझ पाए हैं विक्रम को विदा करते हुए ISRO का यह ‘कोडवर्ड’

Sonu

Chandrayaan-3 Mission: इसरो ने घोषित किया है कि चंद्रयान-3 मिशन के अंतर्गत लैंडर और प्रणोदन मॉड्यूल सफलतापूर्वक अलग हो गए हैं। अब, इस शुक्रवार को लैंडर को चंद्रमा के पास की थोड़ी निचली तरंग में उतरने की योजना बन रही है। उसके पश्चात्, कल उसे धीमा गति से नीचे आने की क्रिया की जाएगी। इस मॉड्यूल में लैंडर और रोवर एक साथ स्थित होते हैं, जिनका काम चंद्रमा की पृष्ठी पर गश्त करना होता है।

शुक्रिया दोस्त…

शुक्रिया दोस्त… कह कर लैंडर ने आज दोपहर प्रॉपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाने के बाद धरती से करीब पौने चार लाख किमी की दूरी तय की। इस पहले, लैंडर (विक्रम-प्रज्ञान) धरती से लेकर अब तक प्रॉपल्शन मॉड्यूल से जुड़ा था। आज दोपहर में, जैसे ही यह खबर ISRO द्वारा प्रकाशित की गई, भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर बधाई और शुभकामनाएं आगे बढ़ी।

23 अगस्त की शाम का इंतजार है

Chandrayaan-3 Mission: कल शाम 4 बजे, लैंडर चांद्रमा की सतह के पास और कक्षा के निकट होगा और इसकी गति धीमी की जाएगी। अब भारतीयों को 23 अगस्त की शाम का इंतजार है, जब हम अपने चंद्रमा को स्पर्श करने की उम्मीद कर सकेंगे। न केवल इस, बल्कि हम यह सोच सकेंगे कि हमारा यान चंदा मामा से कुछ बातें कर रहा होगा।

इसरो ने एक तस्वीर के साथ, कोडवर्ड में एक संदेश भी साझा किया, “अब चांद के पास भारत के तीन सैटलाइट हैं।”

तीन सैटलाइट कौन-कौन?

वर्ष 2008 में चंद्रयान-1 का प्रक्षिप्त होना हुआ था और एक वर्ष तक उसने काम किया। सन् 2019 में चंद्रयान-2 का प्रक्षिप्त होना हुआ। हालांकि सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हुई, लेकिन उसका ऑर्बिटर अब भी सक्रिय है। यह अपने मार्ग में चंद्रमा के चाकर लगाता रहा है और इससे भारत को लगभग सात साल तक डेटा प्राप्त होगा। चंद्रयान-3 में भी उसी ऑर्बिटर का उपयोग हो रहा है। इसका मतलब है कि ऑर्बिटर, लैंडर और प्रॉपल्शन मॉड्यूल, वर्तमान समय में चंद्र की कक्षा में स्थित हैं।

#chandrayaan3

ISRO ने पहले ही बताया था कि प्रॉपल्शन मॉड्यूल में एक वैज्ञानिक यंत्र है, जिसे लैंडर मॉड्यूल से अलग होने के बाद सक्रिय किया जाएगा। प्रॉपल्शन मॉड्यूल ने लैंडर को चंद्र की 100 किमी की ध्रुवीय आकार की कक्षा तक पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर लोग खुशी और उत्साह से भरे हुए हैं, और #chandrayaan3 के अंतर्गत बधाई दे रहे हैं।

सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को

चंद्रयान-3 मिशन ने 14 जुलाई को अपना प्रक्षिप्तन किया था और इसके परिणामस्वरूप 5 अगस्त को यह चंद्र की कक्षा में प्रवेश कर गया। इसके बाद, 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्र की अगली कक्षाएँ प्राप्त की गईं। इस मिशन के प्रगति के साथ, यह धीरे-धीरे चंद्र के निकट पहुंच रहा है। ISRO ने चंद्रयान-3 के लिए आशा जताई है कि इसका सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सम्पन्न होगा।

सुनिए कितना अहम है आज का घटनाक्रम

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