Disease X: ‘डिज़ीज़ एक्स’ COVID-19 से 20 गुना अधिक घातक हो सकती है, 5 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है, WHO ने इसे डिसीज X नाम दिया

Sonu

Disease X: ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स के मुख्य, डेम केट बिंघम ने यह आलेख किया है कि आने वाली महामारी में करीब 5 करोड़ लोगों की जान को खतरा हो सकता है। इस महामारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘डिसीज X‘ का नाम दिया है।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बारे में यह माना जा रहा है कि यह 19 से 20 गुना से अधिक खतरनाक हो सकता है और इसका जल्द ही फैलाव हो सकता है। इसका मतलब है कि इसके मामले जल्द ही जाने जा सकते हैं। इस महामारी का प्रसार मुख्य रूप से मौजूदा वायरस के कारण हो सकता है। इसका मुख्य कारण है कि वायरस तेजी से म्यूटेट हो रहे हैं।

Disease X -WHO ने इसे डिसीज X नाम दिया

म्यूटेशन का अर्थ है किसी जीव के जेनेटिक सामग्री में बदलाव. जब कोई वायरस खुद की लाखों कॉपियां बनाता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक या जानवर से व्यक्ति में पहुंचता है, तो हर कॉपी विभिन्न होती है। इस प्रकार, प्रति कॉपी में विभिन्नता आती है।

थोड़ी देर बाद एक नया स्ट्रेन प्रकट होता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें वायरस अपनी रचना को बदलता रहता है। सीजनल इन्फ्लूएंजा तो हर साल एक नए रूप में प्रकट होता है।

महामारी आने से पहले ही वैक्सीन बनाने पर काम शुरू

  • ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने डिजीज़ X से लड़ने के लिए पूर्व वैक्सीन विकसित करने का काम शुरू किया।
  • उन्होंने 25 वायरस का अध्ययन किया, जिससे इस नई बीमारी के खिलाफ वैक्सीन बना जा सके।
  • इस अध्ययन का मुख्य ध्यान जानवरों में फैलने वाले वायरस पर था, जो इंसानों में पहुंच सकते हैं।
  • क्लाइमेट चेंज के कारण, अब जानवरों का इंसानों के करीब आना ज्यादा संभावना है।
  • इससे यह आवश्यकता हुई कि वैज्ञानिकों ने इन वायरसों का अध्ययन कर वैक्सीन विकसित करने का काम किया।
  • यह पहल जीव-जंतु रिहायशी इलाकों में रहने वाले जानवरों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

क्लाइमेट चेंज बीमारियां फैला रहा

  • जंगलों का अनिवार्य विकास ने लोगों के घर और उद्योग बनाए, परिणामस्वरूप वन्यजीवन पर प्रभाव पड़ा।
  • इस बदलाव से हमारा संपर्क जीवों, कीटाणुओं, और पौधों से बढ़ गया है।
  • जीव-जंतु अपने आप को परिवर्तनशील परिस्थितियों के अनुसार बदल रहे हैं, जैसे की जलवायु।
  • यह परिवर्तनशीलता सांविदानिक पर्यावरण में रहने का अवसर प्रदान कर रही है।
  • इससे कई बीमारियां फैल रही हैं, जो हमारे जीवन के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

जलवायु परिवर्तन से बीमारियां फैल रही हैं

  • कॉन्सर्वेशन इंटरनेशनल एनजीओ के फिजिशियन नील वोरा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन लोगों पर प्रभाव डाल रहा है।
  • उच्च और ठंडी जगहों की ओर जानवर माइग्रेट हो रहे हैं, जिससे बीमारियां फैल रही हैं।
  • इसका उदाहरण, ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले पोसम्स की बुरुली अल्सर बीमारी से है।
  • पोसम्स तापमान की बदलती आवश्यकताओं के लिए अन्य देशों में जा सकते हैं।
  • इसके परिणामस्वरूप, बुरुली अल्सर न्यूजीलैंड में भी फैल सकती है।

बीमारियों से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट बढ़ रहा

  • इंसान अपने जीवन के लिए विभिन्न प्रकार के जीवों पर निर्भर होते हैं।
  • ये जीव उनके सर्वाइवल के लिए मुख्य भोजन के रूप में उपयोग होते हैं।
  • इस तरह, इंसान इन जीवों के संपर्क में बैक्टीरिया या बीमारियों से आ सकते हैं।
  • यह संपर्क बीमारियों के प्रसार का कारगर माध्यम हो सकता है।
  • इसलिए, अपने जीवन में स्वच्छता और सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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