UP Ganna Farmers: यूपी के गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: विश्व बैंक 85% तक का सूक्ष्म सिंचाई अनुदान प्रदान करेगा। किसानों को 15% छूट, चीनी मिलों के सहयोग से। सिंचाई संयंत्र लगाने में आने वाली लागत पर विशेष ध्यान। इस सहायता से किसानों को आर्थिक समृद्धि की दिशा में मदद मिलेगी। एक सकारात्मक कदम जो कृषि उत्पादकों को सुधारित सिंचाई सुविधाएं प्रदान करेगा।
UP Ganna Farmers -विश्व बैंक से सूक्ष्म सिंचाई का 85% अनुदान
यूपी के गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: सूक्ष्म सिंचाई का 85% अनुदान विश्व बैंक से। बाकी 15% लागत निजी चीनी मिलों द्वारा किसानों को दी जाएगी। इसकी वसूली के बाद किसानों से किस्तों में भुगतान होगा। गन्ना किसानों को टूट-फूट और संयंत्र चोरी पर 100% बीमा लाभ। विश्व बैंक द्वारा किसानों के लाभ के लिए 220 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। यह योजना गन्ना क्षेत्र को सुधारने में मदद करेगी। किसानों को सूक्ष्म सिंचाई से बेहतर उत्पादकता की संभावना है। यह नई सुविधाएं किसानों के जीवन को सुधारेंगी और उन्हें सुरक्षित बनाएंगी।
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UP Ganna Farmers से मिलकर विश्व बैंक के प्रतिनिधि करेंगे सीधा संवाद
- प्रदेश के किसानों से मिलकर विश्व बैंक के प्रतिनिधि सीधा संवाद करेंगे।
- चीनी मिलों के संबंधित संगठन भी इस महत्वपूर्ण संवाद में शामिल होंगे।
- राज्य की निजी चीनी मिलों के प्रतिनिधि भी होंगे।
- बुधवार को एक होटल में हुआ कार्यक्रम में बातचीत होगी।
- विश्व बैंक की माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट की कोआर्डिनेटर मैडम पिया भी शामिल होंगी।
- यूपी कोआर्डिनेटर योगेश ने भी अपने विचार साझा किए।
- उ.प्र.उद्यान विभाग के नोडल अधिकारी ने भी अपनी राय दी।
- गन्ना आयुक्त के प्रतिनिधि वी.के.शुक्ल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन के महासचिव दीपक गुप्तारा ने कहा,
- पानी की बचत और गन्ना किसानों की लागत कम करने में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति कारगर होगी।
- दीपक गुप्तारा ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आने वाले समय में इसे महत्वपूर्ण बताया।
- सूक्ष्म सिंचाई से पानी की बचत होगी, जो किसानों को फायदा पहुंचाएगी।
- गन्ना किसानों की लागत को कम करने में इस तकनीक का उपयोग बहुत अच्छा सिद्ध होगा।
- उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई को साबित होने के लिए आवश्यक बताया।
- इस पद्धति से किसानों को उनकी मेहनत का बेहतर मूल्य मिलेगा।
- गुप्तारा ने भविष्य में गन्ना क्षेत्र में इस प्रक्रिया को बढ़ावा देने की बात की।
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य पानी की बचत के साथ-साथ किसानों को आर्थिक समृद्धि प्रदान करना है।
इसके तहत खेत की जमीन के भीतर छिद्रयुक्त पाइप डाल कर उससे रिसने वाले बूंद-बूंद पानी से सिंचाई की जाती है जिससे पानी सीधे जड़ों तक जाता है और जमीन की सतह पर आकर बर्बाद नहीं होता। इससे पानी की बचत तो होती ही है साथ ही किसानों की लागत भी कम होती है।
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