केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) महत्वपूर्ण मुद्दे बने हुए हैं। ये भत्ते महंगाई की दर से जुड़े होते हैं और कर्मचारियों की वेतन संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाल ही में, केंद्र सरकार के 7वें वेतन आयोग के तहत DA और DR में संभावित बढ़ोतरी और 18 महीने के बकाया को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आइए जानते हैं कि सितंबर 2024 में संभावित 3% DA बढ़ोतरी और 18 महीने के DA एरियर के बारे में सरकार का क्या रुख है।
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सितंबर 2024 में संभावित 3% DA बढ़ोतरी
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए DA में बढ़ोतरी की चर्चा हर छह महीने पर होती है, जब महंगाई सूचकांक (CPI) के आधार पर इसकी गणना की जाती है। 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होने वाली संभावित 3% की DA बढ़ोतरी सितंबर 2024 में घोषित की जा सकती है। यदि यह बढ़ोतरी होती है, तो कुल महंगाई भत्ता 53% तक पहुँच जाएगा, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वाह में उल्लेखनीय सुधार होगा।
इस 3% की बढ़ोतरी का मतलब यह होगा कि महंगाई भत्ते की दर, जो अभी 50% है, वह बढ़कर 53% हो जाएगी। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की वेतन संरचना में सीधे जुड़ जाएगी, जिससे उनकी मासिक आय में सुधार होगा। यह कदम विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए राहतकारी साबित हो सकता है, जो महंगाई के लगातार बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं।
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18 महीने के DA एरियर की संभावना कम
COVID-19 महामारी के दौरान, केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्तों को 18 महीने के लिए फ्रीज कर दिया था। 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 तक की अवधि के दौरान DA और DR में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इस निर्णय के पीछे तर्क यह था कि महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव डाला था, और सरकारी वित्तीय स्थिति को स्थिर रखने के लिए यह कदम उठाया गया था।
हालांकि, 18 महीने के DA एरियर की मांग अब भी जोर-शोर से उठाई जा रही है। संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हुई। कुछ सांसदों ने सरकार से पूछा कि क्या वह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 18 महीने का बकाया जारी करने पर विचार कर रही है। इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि महामारी के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण के कारण वित्तीय दबाव आज भी महसूस किया जा रहा है। इसी वजह से DA और DR के बकाया को जारी करना सरकार के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक है, जो अपने DA एरियर की प्रतीक्षा कर रहे थे।
DA में बढ़ोतरी और वेतन में बदलाव की संभावना
हालांकि DA में 3% की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया गया है कि DA के 50% से अधिक होने पर भी इसे मूल वेतन में विलय नहीं किया जाएगा। 8वें वेतन आयोग के गठन तक यह व्यवस्था बनी रहेगी। इसके बजाय, DA के 50% से अधिक होने पर एचआरए सहित अन्य भत्तों में वृद्धि की जा सकती है।
वर्तमान में DA की दर 50% है, और इस संभावित 3% की बढ़ोतरी के बाद यह दर 53% हो जाएगी। DA के 50% को पार करने के बाद, सामान्यतः मूल वेतन में इसका विलय किया जाता था, लेकिन सरकार ने इस बार इसे मूल वेतन में नहीं मिलाने का निर्णय लिया है। इसके बजाय, सरकार ने भत्तों को बढ़ाने का फैसला किया है, जो कर्मचारियों के लिए एक अलग प्रकार की राहत होगी।
8वें वेतन आयोग पर अनिश्चितता
जहां एक ओर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को DA में 3% की बढ़ोतरी की उम्मीद है, वहीं 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू हुए लगभग 10 साल हो चुके हैं, और सामान्यतः हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। इसलिए, यह उम्मीद की जा रही थी कि 8वां वेतन आयोग जल्द ही गठित होगा।
हालांकि, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि जून 2024 में 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए कुछ अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसका मतलब यह है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
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निष्कर्ष
सितंबर 2024 में महंगाई भत्ते में 3% की संभावित बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, 18 महीने के DA एरियर की संभावना फिलहाल न के बराबर है, जो कई कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक हो सकता है। 8वें वेतन आयोग के गठन पर भी अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे यह सवाल उठता है कि आने वाले समय में सरकार क्या कदम उठाएगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन मुद्दों पर क्या निर्णय लेती है और इसका केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर क्या प्रभाव पड़ता है।