वर्तमान समय में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों की नजरें आठवें वेतन आयोग के गठन पर लगी हुई हैं। यदि आप भी नए वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यहाँ पर हम आठवें वेतन आयोग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों, इसके गठन की संभावित तारीख, और इससे संबंधित बदलावों पर चर्चा करेंगे।
8वें वेतन आयोग का गठन
केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा नए वेतन आयोग के गठन की मांग लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में, लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों ने जल्द से जल्द नए वेतन आयोग के गठन की अपील की है। नए वेतन आयोग के गठन के बाद, कर्मचारियों की वेतन में 25% से लेकर 35% तक की वृद्धि हो सकती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नए वेतन आयोग का गठन कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगा।
सचिव गोपाल जी द्वारा सरकार को पत्र लिखकर आठवें वेतन आयोग के गठन की जल्द मांग की गई है। नए वेतन आयोग के गठन के साथ फिटमेंट फैक्टर में 2.57 से लेकर 3.8 तक की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों की मासिक सैलरी 26,000 रुपये तक हो सकती है।
7वें वेतन आयोग का गठन
सातवें वेतन आयोग की स्थापना भारत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा 28 फरवरी 2014 को की गई थी। हालांकि, आयोग की रिपोर्ट 19 नवंबर 2015 को प्रस्तुत की गई थी, जिसके कारण सातवां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हो पाया।
सातवें वेतन आयोग ने वेतन ढांचे, भत्तों और अन्य सुविधाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए थे, जिससे कर्मचारियों को राहत मिली थी। इस आयोग के गठन के बाद कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं और भत्तों में बढ़ोतरी हुई थी।
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8वें वेतन आयोग का संभावित गठन समय
भारत सरकार हर 10 वर्ष के अंतराल पर एक नया वेतन आयोग गठित करती है। वर्तमान में, आठवें वेतन आयोग के गठन की संभावित तारीख पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, कुछ जानकारियों के अनुसार, सरकार 2026 की शुरुआत में आठवें वेतन आयोग के गठन की योजना बना रही है।
कर्मचारी और पेंशन भोगी इस नए आयोग के गठन को लेकर उत्सुकता दिखा रहे हैं और इसके लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
वेतन आयोग पर प्रभाव
कोविड-19 महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, जिससे महंगाई दर में वृद्धि देखी गई है। महंगाई दर की बढ़ोतरी ने केंद्रीय कर्मचारियों की क्रय शक्ति को प्रभावित किया है। सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने महंगाई दर और कर्मचारियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए वेतन भत्तों में संशोधन की सिफारिश की है।
पिछले 10 वर्षों में, 10 लाख से अधिक कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है, जिससे बाकी कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ गया है। सचिव मिश्रा ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए नए वेतन आयोग की गठन की मांग की है।
वेतन आयोग को लेकर नया प्रस्ताव
वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के मद्देनजर, जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में, उन्होंने नए वेतन आयोग के गठन की मांग की है और सरकारी राजस्व की वृद्धि का हवाला देते हुए वेतन वृद्धि की अपील की है।
सचिव मिश्रा ने पत्र में बताया कि सरकारी राजस्व सत्र 2015 के बाद लगभग दो गुना बढ़ गया है और कर एकत्रीकरण में भी वृद्धि हुई है, लेकिन कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि नहीं की गई है।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इसके साथ ही, वेतन में संभावित वृद्धि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार हो सकती है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस संबंध में कब और किस प्रकार की घोषणाएँ करती है।