Budget 2024 Tax Slab: 2020 के बजट में सरकार ने नई व्यवस्था लागू की, लेकिन 80सी और होम लोन में छूट नहीं थी। करदाताएँ इस नई व्यवस्था को नकारात्मकता से देख रही थीं। अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन पर कोई समस्या नहीं होगी, इससे सुधार होगा। निवेश पर छूट के बिना, करदाताओं ने अपनाने में अनिच्छुकता दिखाई। सरकार ने व्यवस्था को सहजीवन बनाने के लिए अच्छी कदम उठाने का प्रयास किया।
Budget 2024 Tax Slab
फरवरी के अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में राहत का ऐलान हो सकता है। राहत केवल नए टैक्स व्यवस्था चुनने वालों के लिए होगी। नई व्यवस्था में 50,000 रुपये तक की इनकम पर छूट हो सकती है। नए वित्त वर्ष से 8 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं होगा। सरकार नई टैक्स व्यवस्था को आकर्षित बनाना चाहती है। आयकर में राहत से करदाताओं को अधिक लाभ होगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह एक आकर्षक प्रस्ताव है। नई व्यवस्था से मध्यम वर्ग को आरामदायक स्थिति में रखने का प्रयास है।
Budget 2024 Tax Slab -वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था
- फरवरी के बजट में सात लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं होगा।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंकम टैक्स में मानक कटौती का ऐलान किया।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन और छूटों के संयोजन से सीमा 7.5 लाख तक बढ़ी है।
- इससे 7.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स देने की आवश्यकता नहीं है।
- यह निर्णय भारतीय नागरिकों को वित्तीय राहत प्रदान करता है।
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सरकार ने 2020 के बजट में ही की नई व्यवस्था का प्रकाशन
- 2020 के बजट में सरकार ने नई व्यवस्था को प्रस्तुत किया, लेकिन 80C और होम लोन में कोई छूट नहीं थी।
- करदाताएं नई व्यवस्था को अपनाने में अनिच्छुक थीं क्योंकि निवेश पर कोई लाभ नहीं था।
- अंतरिम बजट में सरकार को स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान करने में कोई समस्या नहीं होगी।
- नई व्यवस्था से यह साबित हुआ कि करदाताएं अपनी निवेश रणनीति में संशय महसूस कर रही थीं।
- करदाताएं समझाने के लिए चाहती थीं कि सरकार का उद्देश्य और योजना क्या हैं।
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पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत पांच लाख तक की आय पर कोई भी टैक्स नहीं
पुरानी व्यवस्था के तहत पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। आयकरदाता होम लोन और हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करके छूट पा सकते हैं। 70 प्रकार के डिडक्शन की व्यवस्था इस पुराने टैक्स सिस्टम के तहत है। ज्यादा निवेश करने वालों को होम लोन और अन्य मदों में छूट मिलती है। सरकार इस छूट के खिलाफ है, जिससे आयकर देने वालों का आंकड़ा बढ़े। सरकार का उद्देश्य है इनकम टैक्स देने वालों की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखना।