DA Hike News: जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन, लेकिन कर्मियों-पेंशनर्स को 18 माह का बकाया डीए-डीआर देने को पैसे नहीं, आंदोलन की तैयारी

DA Hike News: जीएसटी कलेक्शन अक्टूबर 2022 में 1.52 लाख करोड़ रुपये था, और वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2023-24 वित्त वर्ष में औसतन मासिक जीएसटी कलेक्शन 1.66 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। इसका मतलब है कि इस आर्थिक वर्ष में जीएसटी कलेक्शन में 2022-23 के मुकाबले 11 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है 

DA Hike News: देश में जीएसटी के रिकॉर्ड कलेक्शन के बावजूद, केंद्र और राज्य सरकारों के पास करोड़ों कर्मचारियों का 18 महीनों का बकाया डीए/डीआर देने के लिए पैसे नहीं हैं। कोविड के दौरान, केंद्र सरकार ने कर्मियों के लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का डीए/डीआर रिलीज नहीं किया था। राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को जोड़कर, इस राशि की कुल मान लगभग एक लाख करोड़ रुपये बनती है।

इसके बाद, कई बार कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस राशि को जारी करने की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बहाने से डीए/डीआर के बकाया भुगतान से मना कर दिया है। इस विषय पर संसद में विचार-विमर्श हो रहा है, लेकिन सरकार का जवाब नकारात्मक रहा है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया है कि डीए/डीआर की राशि जारी नहीं की गई है, इसलिए वे इस मुद्दे के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

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सरकार ने दिया था ये आश्वासन DA Hike News

  • सुभाष लांबा के अनुसार, सरकार ने कोरोना काल में जीएसटी कलेक्शन न होने के नाम पर धारा बंद किए।
  • देशभर के करोड़ों कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए जनवरी 2020 से जून 2021 तक 11% महंगाई भत्ता/राहत फ्रीज हो गया।
  • केंद्र ने राज्यों को दिशा देते हुए उनके कर्मचारियों के डीए/डीआर को 18 महीने के लिए फ्रिज करने का निर्देश दिया।

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के रोके गए 18 महीने के डीए-डीआर का योगदान लगभग 35 हजार करोड़ रुपये है। इस राशि का स्रोत केंद्र सरकार से है। राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए-डीआर मिलाकर, इस योजना में एक लाख करोड़ रुपये तक का योगदान होता है। यह राशि राज्य सरकारों से आती है और केंद्रीय सरकार द्वारा समर्थित की जाती है।

  • सरकार ने वादा किया कि जीएसटी कलेक्शन और अर्थव्यवस्था सुधरने पर कर्मचारियों को डीए-डीआर रिलीज किया जाएगा।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, अक्तूबर में 1.72 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुआ।
  • अक्तूबर में जीएसटी कलेक्शन में 13 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है।
  • सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फ्रीज किए गए डीए-डीआर को रिलीज करने का निर्णय लिया है।
  • आश्वासन के मुताबिक, जीएसटी कलेक्शन में सुधार से अर्थव्यवस्था सामान्य हो रही है।
  • जीएसटी कलेक्शन के अनुसार, सालाना 1.72 लाख करोड़ रुपये हुए हैं।
  • सरकारी विवेचना के बाद, कर्मचारियों को डीए-डीआर मिलेगा, जो फ्रिज में था।
  • अक्तूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन ने सुधार दिखाया और 13 प्रतिशत वृद्धि हुई।
  • वित्त मंत्रालय के अनुसार, कलेक्शन में बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था का संकेत है।
  • सरकार ने जीएसटी से आई राशि के साथ अर्थव्यवस्था को सुधारने के प्रति प्रतिबद्ध है।

मासिक जीएसटी 1.66 लाख करोड़

DA Hike News: अक्तूबर 2022 में जीएसटी कलेक्शन 1.52 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2023-24 वित्त वर्ष में औसतन मासिक जीएसटी कलेक्शन 1.66 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 11 प्रतिशत वृद्धि हो रही है, जैसा कि वित्त मंत्रालय ने दावा किया है। 

  • लांबा ने कहा कि भारत पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
  • रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन और मजबूत अर्थव्यवस्था के बावजूद, डीए डीआर का भुगतान नहीं हो रहा।
  • कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के 18 महीने के बकाया क्यों नहीं किया जा रहा है?
  • चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 2.14 लाख करोड़ रुपए बड़े पूंजीपतियों को दिए हैं।
  • इस राशि में वृद्धि, 2014 से 2022 तक बट्टे खाते में डाले गए 15.32 लाख करोड़ से अलग है।
  • केंद्र और राज्य सरकार के कर्मियों और पेंशनर्स में आक्रोश बढ़ रहा है।
  • डीए डीआर का शीघ्र भुगतान नहीं होने पर राष्ट्रव्यापी विरोध आंदोलन हो सकता है।
  • सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को 2014 से 2022 तक 15.32 लाख करोड़ रुपए में विभाजित किया है।
  • कर्मचारी और पेंशनर्स की मांगों से उत्तर नहीं मिलने पर आंदोलन संभावित है।
  • शीघ्र न किए जाने पर केंद्र और राज्य कर्मचारी राष्ट्रव्यापी विरोध का सामना कर सकते हैं।

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डीए डीआर का अतिशीघ्र भुगतान हो

  • कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के महासचिव रहे आरएन पाराशर के अनुसार, नेशनल काउंसिल जेसीएम की स्टेंडिंग कमेटी ने मीटिंग में डीए-डीआर के 18 महीने के बकाया का मांग किया।
  • शुरुआत में वित्याग विभाग के वित्त सचिव ने नकारात्मक जवाब दिया, जिसका स्टाफ साइड में तीखा विरोध किया।
  • उसके बाद, स्टाफ साइड ने 18 महीने के बकाया डीए-डीआर के मांग पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए।
  • इस मांग को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अब भी निर्णय बकी है।
  • वर्तमान में प्रति माह 1.50 लाख करोड़ जीएसटी और 16.61 लाख रुपये आयकर कलेक्शन हो रहा है।
  • सरकार को करोड़ों कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के बकाया डीए-डीआर का तत्काल भुगतान करना चाहिए।
  • आर्थिक सचिव ने खुदरा उत्तर दिया, लेकिन स्टाफ साइड ने इस पर तीव्र आपत्ति जताई।
  • यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
  • आरएन पाराशर ने कहा कि कर्मचारियों का हक जल्दी से मिलना चाहिए, नहीं तो सरकार बाधित होगी।
  • अब वित्त मंत्रालय को नई दिशा में कदम उठाने का समय है, ताकि विरोध को सुलझाया जा सके और डीए-डीआर का वित्तीय व्यवस्थापन हो सके।

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