IMD Weather Update, Weather Alert, Monsoon 2024, Mausam Update: 21 जून को कोंकण, गोवा, केरल-माहे और आंध्र प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में भारी वर्षा की संभावना है। इस दिन कोंकण, गोवा, केरल-माहे और आंध्र प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में मौसम बदल सकता है। यहां परिवर्तन आ सकता है।
IMD Weather Update, Weather Alert, Monsoon 2024, Mausam Update :
कई राज्यों में वर्षा की गतिविधि शुरू हो चुकी है। इन्हीं राज्यों में बंगाल, असम और झारखंड में चक्रवात के प्रभाव को भी महसूस किया जा रहा है।
उत्तरी क्षेत्रों में, विशेष रूप से दिल्ली, हरियाणा और हिमालय की पहाड़ियों में, उत्तरी मध्य प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी झारखंड में भी छिटपुट गरज के साथ बौछारें आ सकती हैं। यह इस समय के मौसम का स्थिति है जो विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से अनुकूल है। वर्षा की यह स्थिति अनेक राज्यों के कृषि और पर्यटन क्षेत्रों के लिए एक उत्तम संकेत है। इसके बावजूद, यह बारिशी तंज़ीम भूमि और समुद्री तटों के लिए बुरा साबित हो सकता है, जहां बाढ़ का खतरा हो सकता है।
इस मौसमी स्थिति ने गर्मी के मौसम का आगाज़ किया है और तापमान में थोड़ी राहत पहुंचा रहा है। वर्षा के बारे में अधिक जानकारी के लिए लोग समय-समय पर मौसम अपडेट्स देख रहे हैं। इस समय, कुछ क्षेत्रों में मौसम का स्थिति बदलने की संभावना है, जिससे कि यातायात और दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। अन्य क्षेत्रों में, वर्षा के बारे में यह समय विभिन्न प्रकार की संभावनाओं को लेकर आगे बढ़ रहा है, जो कि स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है। समुद्री तटों और बांधों के निकट निवासियों के लिए सुरक्षा के संदेशों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि बाढ़ या चक्रवात स्थिति बदल सकती है।
अधिकतम तापमान 40°C या इससे अधिक रहने की संभावना
उत्तर-पश्चिमी असम और दक्षिणपूर्वी मेघालय में भारी बारिश की संभावना है। पश्चिम बंगाल के उत्तरपूर्वी हिस्से से लेकर असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच राज्य सीमा तक में मूसलाधार बारिश का अनुमान है।
इन क्षेत्रों में तापमान 40°C से अधिक हो सकता है, विशेषकर सिंधु-गंगा के मैदान के ऊपरी और मध्य भागों में। यह स्थिति वर्षा के साथ ही तेज गर्मी की भी संभावना जताती है। अगले कुछ दिनों में इन्हें भारी से बहुत भारी वर्षा के लिए तैयार रहना चाहिए। मॉनसून की शुरुआत के साथ, इन क्षेत्रों में बारिश की मात्रा में वृद्धि होने की संभावना है।ये बारिशें खेती के लिए फायदेमंद हो सकती हैं, लेकिन बाढ़ और जलजमाव की संभावना भी बराबर बनी रहती है। साथ ही, ये इलाके गर्मियों में बहुत उष्णता का सामना कर सकते हैं, जो सामान्य रूप से 40°C से ऊपर जा सकती है। इसलिए, लोगों को वर्षा और गर्मी के साथ-साथ तैयार रहने की सलाह दी जाती है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी, गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों और बिहार के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। इन क्षेत्रों में आगामी कुछ दिनों में मॉनसून की प्रवृत्ति बढ़ने के आसार हैं। यह विभिन्न राज्यों के लिए मौसम की स्थिति को आगामी दिनों में सुहावना बनाता है। वर्षा की अधिकता और समय में वृद्धि की संभावना भी है।
- यहाँ वर्षा के आगमन की प्रतीक्षा है।
- इन क्षेत्रों में वर्षा का आगमन बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
- ये क्षेत्र बुआई के मौसम के लिए उपयुक्त हैं।
- मौसम विशेषज्ञों की सूचना के अनुसार, यहाँ बढ़ती वर्षा के अनुकूल मौसम हो सकता है।
- वर्षा से समृद्ध होने की संभावना है।
- इन्हीं क्षेत्रों में खेती के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है।
- वर्षा के आगमन से कृषि को लाभ हो सकता है।
- यहाँ की जलवायु वर्षा के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
- मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यहाँ पर बरसात की संभावना बढ़ सकती है।
- आने वाले दिनों में वर्षा के आगमन का इंतजार किया जा रहा है।
तेज हवाओं के साथ छिटपुट हल्की बारिश IMD Weather Update
- मध्य-क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त एक पश्चिमी विक्षोभ के रूप में लंबे समय तक चलता है।
- यह विक्षोभ 19-20 जून को उत्तर भारत के कई राज्यों में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट हल्की बारिश का संभावना लाता है।
- इस प्रकार के मौसम के कारण जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, हिमाचल प्रदेश,
- उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मौसम बदलने की संभावना है।
- इस अवधि के दौरान यहां बिजली के संकेत, गरज, और हल्की बारिश के बीच बदलता रहेगा।
- यह मौसम वर्षा के आगमन की संभावना लाता है ।
- ये हवाएं उत्तर भारत के क्षेत्रों में तेजी से बदल देती हैं और मौसम के परिवर्तन का कारण बनती हैं।
- ज्यादातर इस अवधि में तापमान में कमी होती है और हवाओं में अचानक परिवर्तन आ सकता है।
- इस दौरान राज्यों में बारिश की अधिक संभावना होती है, जो क्षेत्रीय मौसम परिवर्तन का कारण बन सकती है।
- गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ आने वाली बारिश भी इस मौसम की स्वाभाविक विशेषता होती है।
- ये मौसमी परिवर्तन स्थानीय लोगों के जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं।
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चक्रवाती परिसंचरण IMD Weather Update
- आने वाले पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में तेज़ सतही हवाएँ अनुमानित हैं।
- एक चक्रवाती परिसंचरण असम से पूर्वोत्तर और निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित है।
- दूसरा चक्रवाती उत्तरी बांग्लादेश और निचले क्षोभमंडल स्तर पर पड़ोस में है।
- बिहार से नागालैंड तक एक ट्रफ रेखा पायी जाती है।
- एक अन्य ट्रफ लोंग उत्तर-दक्षिण के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पश्चिम राज्यों तक है।
- इन क्षेत्रों में तेज़ दक्षिण-पश्चिमी/दक्षिणी हवाएँ बह रही हैं।
- आगामी पांच दिनों में यह स्थिति जारी रह सकती है।
- हवाओं की इस प्रकृति के कारण, सावधानी बरतना उचित होगा।
- स्थानीय अधिकारियों द्वारा अलर्ट जारी किया गया है।
- लोगों से सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है।
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