Income Tax Rules: सेविंग अकाउंट में इससे ज्यादा कैश एक दिन में जमा कराने पर देना होगा टैक्स, जानिए इनकम टैक्स के नियम

Income Tax Rules: आज हर व्यक्ति के पास बैंक खाता है। इसमें सबसे अधिक सेविंग खाते होते हैं। यहाँ अधिकतम कैश जमा करने पर आयकर लगता है। लेकिन सीमा से कम राशि जमा करने पर नहीं। आयकर बचाने के लिए नियमों का पालन करें। ज्यादा जानकारी के लिए आयकर विभाग से संपर्क करें। संबंधित कानूनों को समझें और अनुसार कार्रवाई करें। बैंक की सलाह भी लें। सावधानी बरतें, नियमों का उल्लंघन न करें। आयकर और बैंक के नियमों का पालन करें।

Income Tax Rules

आजकल बैंक खाता अत्यंत आवश्यक है। इससे वित्तीय लेन-देन सरल हो जाता है। विभिन्न प्रकार के खाते होते हैं। उदाहरण के लिए, सेविंग और करेंट। और सैलरी खाता भी होता है। प्रत्येक खाते के अलग-अलग लाभ होते हैं। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि सेविंग खाते में कितना पैसा रखा जा सकता है।

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सेविंग अकाउंट में कितना रख सकते हैं कैश?

लोग एक ही अकाउंट से बहुत सारे लेन-देन करते हैं। सेविंग अकाउंट में अधिकांश बचत रखते हैं। सेविंग अकाउंट में कोई निर्धारित लिमिट नहीं है। जितना चाहें उतना पैसा रख सकते हैं। लेकिन बचत खाते में जमा पैसा की जानकारी देनी होगी। जमा पैसा आईटीआर के दायरे में आता है। बचत खाते की सीमा के अनुसार इसकी जानकारी देनी होगी। सेविंग अकाउंट में बचत करने की सुविधा है। ट्रांजेक्शन की संख्या में कोई सीमा नहीं है। पैसा जमा और निकालने की सुविधा है।

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एक दिन में कितनी रकम जमा कर सकते हैं?

  • एक दिन में 1 लाख रुपए तक जमा करें।
  • कभी-कभी 2.5 लाख तक बढ़ाएँ।
  • सालाना 10 लाख तक जमा करें।
  • सेविंग्स अकाउंट में जमा करें।
  • अकाउंट में कैश जमा करें।
  • लिमिट निर्धारित करें।
  • प्रतिदिन या आवश्यकता अनुसार।
  • अधिक निवेश करें।
  • सावधानी बरतें।
  • नियमों का पालन करें।
  • अगर आप इस लिमिट से ज्यादा पेमेंट करते हैं तो आपको जमा कैश पर टैक्स चुकाना होगा। 
  • इनकम टैक्स कैश की रकम पर नहीं बल्कि उस पर मिलने वाले ब्याज पर लगाया जाता है।
  • आपके बैंक डिपॉजिट पर अगर 10,000 रुपए से ज्यादा ब्याज मिलता है तो उस पर टैक्स देना होगा।

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टैक्स डिपार्टमेंट को देना होगा जवाब

  • हर साल बैंक कंपनियों को 10 लाख या उससे अधिक निकालने पर जवाब देना होता है।
  • टैक्स कानून के तहत बैंक को जानकारी देनी होती है।
  • बैंक को उन अकाउंट्स के बारे में रिपोर्ट करना होता है।
  • यह लिमिट खातों में फाइनेंशियल जमा के लिए है।
  • इसमें टाइम डिपॉजिट भी शामिल हैं।
  • कैश जमा के लिए यह समग्र रूप से देखा जाता है।
  • खाता धारकों के लिए नियम लागू होते हैं।
  • इससे करंट फाइनेंशियल ईयर में जानकारी उपलब्ध होती है।
  • यह टैक्स कानून के अनुसार है।
  • इससे वित्तीय लेन-देन की निगरानी होती है।

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केवल इतना कैश कर सकते हैं जमा

करंट अकाउंट में 50 हज़ार रुपए सीमा है। होस्टबुक लिमिटेड के संस्थापक कपिल राणा ने कहा है। आय व्यय की जानकारी चाहिए। इनकम टैक्स का नियम 114E है। यह नियम आयकर की रडार में है। फाइनेशियल ईयर में पैसा निकालें या जमा करें। इससे आयकर की चिंता नहीं होगी। नियमों का पालन करें। समझें और लागू करें। निर्देशों का पालन करें।