MP Election 2023: मुलता में विधानसभा सीट पर कमल नाथ और शिवराज सिंह, विधानसभा सीट पर प्रतिष्ठा के लिए मुकाबले कर रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने चंद्रशेखर देशमुख को टिकट दिया था। चंद्रशेखर जीत में असफल रहे और कांग्रेस ने सीट पर कब्जा किया। जिन राजा पंवार को टिकट देने का निर्णय भाजपा को भारी पड़ा। मुला में विधायक रहते हुए, देशमुख के हारने से भाजपा को बड़ा झटका लगा।
इसमें कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक दक्षता को साबित किया। विधायक चयन में भाजपा का सही नसीब नहीं चला। जिन राजा पंवार की हार ने कांग्रेस को सीट पर मजबूती प्रदान की। कमल नाथ और शिवराज सिंह के बीच चुनौतीभरी सीट युद्ध जारी है। चुनावी मैदान में इस सीट पर हो रही टकराव को लेकर राजनीतिक चर्चा गरमा गरम है।
मुलताई विधानसभा सीट पर महाकौशल से सटे कमल नाथ और शिवराज सिंह आमने-सामने
MP Election 2023:: बैतूल जिले की मुलताई विधानसभा सीट पर महाकौशल से सटे कमल नाथ और शिवराज सिंह आमने-सामने हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे फिर से मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के चंद्रशेखर देशमुख से हो रहा है। सुखदेव पांसे ने कांग्रेस के पीएचई मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। बैतूल में विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला उत्तराधिकारी देशमुख के साथ है। चुनाव में सुखदेव पांसे को पहले से ही बड़ा प्रचार-प्रसार मिल रहा है। देशमुख भाजपा के प्रत्याशी के रूप में बहुत जनप्रिय हैं। विधानसभा चुनाव में इस मुकाबले का महत्वपूर्ण स्थान है। बैतूल से जुड़े इस चुनाव में सार्वजनिक क्षेत्र में रोमांच है।
MP Election 2023: बीजेपी ने देशमुख को तो कांग्रेस सुखदेव पांसे को दिया टिकट
- पिछले चुनाव में भाजपा ने विधायक चंद्रशेखर देशमुख को टिकट दिया, परंतु वह हारे और कांग्रेस ने सीट जीती।
- इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने देशमुख को फिर से मौका दिया है।
- कांग्रेस ने पूर्व पीएचई मंत्री कमल नाथ के समर्थक सुखदेव पांसे को टिकट दिया है।
- चंद्रशेखर देशमुख का पिछले चुनाव में हार का असर इस बार तकनीकी मुद्दों पर दिखा रहा है।
- भाजपा ने उन्हें पुनर्निर्वाचित करने में विश्वास दिखाते हुए उम्मीदवार बनाया है।
- कमल नाथ के समर्थक सुखदेव पांसे की विपक्षी चुनौती शिवराज सिंह के लिए हो सकती है।
- यह चुनाव तकनीकी और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जिसमें दो बड़े नेताओं के बीच मुकाबला होगा।
MP Election 2023 -काम गिनाने में जुटे नेतागण
ग्राम ससुंद्रा के निवासी रघुनाथ लोखंडे ने बताया कि –
- चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी 15 महीने के विकास कार्यों की बात कर रहे हैं।
- उनके अनुसार, चुनौती रोजगार के साधनों की कमी पर है, जो जनता द्वारा उठाए जा रहे हैं।
- भाजपा प्रत्याशी ने पिछले कार्यकाल में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने और सिंचाई योजनाओं के समर्थन का आग्रह किया है।
- भाजपा ने अस्पताल, स्कूल, सड़कों और पानी पहुंचाने के लिए जनता से समर्थन मांगा है।
- लोखंडे ने जनता को सरकारी योजनाओं के लाभ का महत्वपूर्ण बताया है।
- चुनाव में विकास और रोजगार के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं और जनता इस पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- ग्रामीण क्षेत्र में सुधार और सामाजिक सुरक्षा के संकेत में चुनाव प्रचार जारी हैं।
Caneup.in 2023-24: गन्ना पर्ची कैलेंडर अपने फोन पर ऐसे चेक करेंगे
MP Election 2023: मुख्यमंत्री के आश्वासन पर थमा विरोध
- चुनाव से पहले, 35 गांवों में सिंचाई के लिए जलाशयों का पानी ना मिलने का मुद्दा उठा।
- पारसडोह जलाशय का पानी खेतों तक पहुंचाने में लोगों को समस्या हो रही थी।
- चंदोरा जलाशय की ओपन नहर को पाइप लाइन में बदलने की मांग थी।
- वर्धा जलाशय स्वीकृति देने के लिए अंभोरा नदी पर नया जलाशय बनाने की मांग थी।
- मोरंड नदी पर नया बांध बनाने की मांग ने लोगों को बेहद नाराज किया।
- चुनाव से पहले इस मुद्दे ने गांववालों में तेजी से गरमा गरमी फैला दी थी।
- 35 गांवों के लोग समस्याओं का समाधान चाहते थे और अपनी मांगों को लेकर उत्साहित थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुलताई में आयोजित सभा में किसानों को सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करने का भरोसा दिया। गांवों के किसानों को उम्मीद है कि अब उनके खेतों में फसलें लहलहाएंगी। इससे नाराजगी को दूर करने का प्रयास है, जिससे भाजपा को लाभ हो सकता है। विरोध के स्वर थमने की आशा है, परिणामों का इंतजार करें। सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने से किसानों को खुशी हो सकती है और राजनीतिक फायदा हो सकता है।
हमारे ग्रुप से जुड़े | Click Here |
आधिकारिक वेबसाइट | Click Here |
पांच बार निर्दलीयों को मिली है जीत
- मुलताई विधानसभा सीट पर 1977 से 2018 तक 11 चुनाव हुए, पांच बार निर्दलीय प्रत्याशी को मत मिला।
- कांग्रेस और भाजपा को दो-दो बार जीत मिली, 1972 में राधाकृष्ण गर्ग से लेकर 1998 में डा सुनीलम तक।
- 2003 में डा सुनीलम ने सपा की टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीता।
- 2013 के चुनाव में भाजपा के चंद्र शेखर देशमुख ने विजय प्राप्त की।
- 2018 के चुनाव में कांग्रेस के सुखदेव पांसे ने जीत हासिल की।
- जिला बनाने का मुद्दा मुलताई विधानसभा क्षेत्र में उठा हुआ है।
- 1977 में मनीराम बारंगे, 1980 में पीआर बोड़खे और 1998 में डा सुनीलम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की।
- वर्ष 1993 में भी पीआर बोड़खे ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजय हासिल की।
- जिला बनाने की मांग ने मुलताई को राजनीतिक मार्गदर्शन में बदल दिया है।
- मुलताई के चुनावी इतिहास में 2018 में कांग्रेस की जीत एक महत्वपूर्ण पल थी।
Disclaimer :- हम जानते हैं कि सोशल मीडिया पर बहुत सी ऐसी ख़बरें वायरल होती हैं, इसलिए हम सभी को सतर्क रहने की सलाह देते हैं ! हम चाहते हैं कि आप आधिकारिक स्रोतों से जाँच करें और ख़बर की सटीकता को सुनिश्चित करें, क्योंकि यहाँ दी गई जानकारी के लिए “wdeeh.com” कोई ज़िम्मेदारी नहीं स्वीकार करता है !