UP Board Marksheet Correction: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Secondary Education Board) में अपने अंक पत्रों और प्रमाण पत्रों में संशोधन करवाना अब काफी कठिन हो गया है। किसी को चाहिए कि वह अपने दस्तावेजों को एक ही दिन या एक सप्ताह के अंदर में सुधार करके प्राप्त कर सके, तो ऐसा अब संभव नहीं है। यहां की संशोधन प्रक्रिया काफी जटिल हो गई है। जन्मतिथि (DOB) में संशोधन करवाना और भी जटिल हो गया है
UP Board Marksheet Correction: यदि हाई स्कूल की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के तीन साल के भीतर जन्मतिथि में संशोधन के लिए आवेदन नहीं किया गया हो, तो संशोधन की संभावना बहुत कम होती है। इस स्थिति में, व्यक्ति को जितनी भी कोशिश कर लेने के बावजूद, संशोधन का कोई संकेत नहीं मिलेगा। हालांकि, यदि उसने तीन साल के भीतर संशोधन के लिए आवेदन किया है, तो संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस समय, वह बोर्ड के निर्देशों और नियमों का पालन करना होगा। यहाँ तक कि अगर बोर्ड द्वारा संशोधन करने में कोई देरी होती है, तो उसे स्वयं जिम्मेदारी संभालनी पड़ेगी। वहें यह सुनिश्चित करना होगा कि संशोधन प्रक्रिया संपन्न हो, चाहे इसमें कितना भी समय लगे।
संशोधन के लिए तीन साल का सख्त प्रतिबंध
- हाई स्कूल और इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा में छात्र के नाम में संशोधन की सुविधा है।
- यह संशोधन छात्र के माता-पिता के नाम और वर्तनी में त्रुटि सुधारने के लिए है।
- संशोधन की प्रक्रिया में सेक्स कोड और सम्मान श्रीमती या कुमारी में बदलाव कर सकते हैं।
- यह प्रक्रिया जन्मतिथि के आधार पर सरल और सुरक्षित है।
- इसमें संशोधन के लिए कोई सख्त प्रतिबंध नहीं है, जिससे छात्र संशोधन करा सकते हैं।
- रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेजकर भी संशोधन की प्रक्रिया की जा सकती है।
- इस प्रक्रिया के लिए शैक्षणिक निकाय की नियमावली मौजूद है।
- हालांकि, इसके प्राविधानों की सही जानकारी प्रधानाचार्यों, छात्रों और अभिभावकों को नहीं होती है।
- शिक्षकों के ज्ञान की कमी की वजह से छात्रों को सही मार्गनिर्देश नहीं मिल पाता है।
- विद्यालय में संशोधन के लिए प्रक्रिया आरंभ होती है,
- जिसमें प्रधानाचार्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- इस प्रक्रिया में, प्रधानाचार्य की आख्या और टीसी काउंटर साइन करने के लिए डीआइओएस के पास जाती है।
- उसके बाद, आवेदन बोर्ड को छात्र या प्रधानाचार्य द्वारा जन्मतिथि के प्रकरण की प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और हाईस्कूल की सूचना भेजी जाती है।
- इस तरह, शिक्षा संशोधन की प्रक्रिया आवश्यक जानकारी के साथ प्रारंभ होती है,
- जो छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
महत्वपूर्ण कागजात उपलब्ध कराने होते हैं UP Board Marksheet Correction:
- छात्रों द्वारा संशोधन के आवेदन पर अक्सर कागजात में अधूरापन होता है,
- जिससे बोर्ड को पूरा करने में समय लगता है।
- यह अपने माता-पिता के पूर्ण नाम के परिवर्तन की स्थिति में आम होता है।
- माता-पिता के नाम के परिवर्तन के लिए कागजात की जांच जरूरी होती है,
- जैसे शिक्षा के निवेदन और प्रमाण पत्र।
- इससे बोर्ड को पूर्ण करने में कई महीने लग सकते हैं, और प्रमाण पत्र जारी करने में देरी हो सकती है।
- उप सचिव राम अवतार यादव ने बताया कि कई आवश्यक कागजातों की मौके पर जांच करानी होती है, जैसे प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल के रजिस्टर की मौके पर जांच कराना।
- इसके अलावा, संशोधन वाले प्रमाण पत्र, इंटर की छायाप्रति, कक्षा नौ या ग्यारह के पंजीकरण की प्रमाणित प्रति, और प्रवेश आवेदन फार्म की प्रमाणित छायाप्रति भी आवश्यक होती हैं।
- साथ ही, परिवार रजिस्टर की नकल और आधार कार्ड भी जमा करना होता है, जिससे संशोधन प्रक्रिया स्मूद रूप से पूर्ण हो सके।
- इस प्रकार, कागजातों की सम्पूर्णता सुनिश्चित करने के बिना किसी छात्र के संशोधन की प्रक्रिया में देरी नहीं होती है।
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हो सकेगा मार्कशीट में करेक्शन UP Board Marksheet Correction:
- सबसे पहला महत्वपूर्ण कदम, पहले से जमा किए गए कागजातों को निर्दिष्ट करना है।
- इसके पश्चात्, बची हुई प्रमुख दस्तावेजों को भी संलग्न करना अत्यंत आवश्यक है।
- जन्मतिथि संबंधित कागजातों के साथ, आवश्यक डीआईओएस की प्रमाणित आख्या संलग्न करनी चाहिए।
- समान रूप में, प्रधानाचार्य द्वारा दी गई घोषणा अनुबंध पत्र आवश्यक है।
- सबसे आखिरी कदम में, निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ पत्र तैयार करना आवश्यक है।
- इन उपायों का पालन करने से ही प्रकरण का सफल निष्कर्ष संभव हो सकता है।
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