Fitment Factor: 7वें वेतन आयोग के Pay matrix पर आधारित हैं। कर्मचारियों की सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है। इस फैक्टर से केंद्रीय कर्मचारियों की वृद्धि होती है। सैलरी में ढाई गुना से अधिक वृद्धि होने का कारण यही है।
Fitment factor पर आधारित होने से कर्मचारियों को अधिक लाभ
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fitment factor latest news –नए साल में मिल सकती है सौगात
- मीडिया के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर पर फैसला कर सकती है।
- वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 और बेसिक सैलरी 18000 है।
- कर्मचारी संगठन 3.68% बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
- कयास है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को 3.00% तक बढ़ा सकती है।
- इससे बेसिक सैलरी 21000 हो सकती है और अगर 3.68% बढ़ता है तो 26000 हो सकती है।
- चर्चा है कि 8वां वेतन आयोग लागू हो सकता है।
- अभी तक अधिकारिक पुष्टि बाकी है।
- सरकार कर्मचारियों को बढ़ाई जा सकती है बेसिक सैलरी।
- इससे नए साल में वेतन में वृद्धि हो सकती है।
- चुनाव से पहले सरकार का यह फैसला कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
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Fitment factor बढ़ने से क्या फायदा होगा?
- 7वें वेतन आयोग के Pay matrix पर आधारित हैं।
- कर्मचारियों की सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है।
- यह फैक्टर वेतन में वृद्धि के लिए उपयुक्त है।
- केंद्रीय कर्मचारियों को मिलती है ढाई गुना से अधिक वृद्धि।
- कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।
- सरकार ने 2016 में इसे बढ़ाया था।
- 7th pay commission से बेसिक सैलरी 18,000 हो गई थी।
- फिटमेंट फैक्टर से कर्मचारियों को लाभ होता है।
- इससे सैलरी में इजाफा होता है।
- कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं।
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कितनी बढ़ेगी सैलरी?
- केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, डीए, टीए, और एचआरए भी शामिल किए जाते हैं।
- सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से मिलाकर निकाला जाता है।
- उदाहरण के लिए, 18,000 रुपए की सैलरी 46,260 रुपए हो जाएगी।
- 3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर 21,000 रुपए की सैलरी 63,000 रुपए होगी।
- 3.68 होने पर 26,000 रुपए की सैलरी 95,680 रुपए होगी।
- विभिन्न लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में अलग-अलग वृद्धि होगी।
- सैलरी में 49,420 रुपए का विभाजन किया जाएगा।
- वेतन आयोग के निर्देशों के अनुसार, भत्तों को छोड़कर सैलरी तय की जाती है।
- इसके परिणामस्वरूप, कर्मचारी को निर्दिष्ट फिटमेंट फैक्टर से मिली सैलरी होती है।
- यह निर्धारित करने के लिए नौकरी के स्तर पर विभिन्न गुणांकों का उपयोग किया जाता है।
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