7th pay commission : सभी सरकारी कर्मचारियों को देश की सरकार द्वारा 7वीं वेतन आयोग के अनुसार ही वेतन दिया जाता है, जिसके साथ-साथ अन्य लाभ भी होते हैं। हालांकि, हाई कोर्ट ने MCD को फटकार लगाई है क्योंकि वह कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही है। इस मामले में हाई कोर्ट ने धमकी दी है कि अगर MCD कोर्ट के आदेशों को न मानती है, तो उसे बंद कर दिया जाएगा।
7th pay commission : दिल्ली हाईकोर्ट ने 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के मामले में सुनवाई की। इसमें, दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD को फटकार लगाई है जब उन्होंने 7वें वेतन आयोग के तहत भुगतान नहीं किया। उन्होंने पूछा कि यदि सैलरी नहीं दी जा सकती है, तो कैसे उन्होंने विकास के काम किए। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि अगर MCD के पास पैसे नहीं हैं, तो वह अस्पताल और अन्य जरूरी सेवाओं का कैसे संभाल रहे हैं।
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दिल्ली हाईकोर्ट के नवाज़नामे में कहा गया है कि जो भी अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, उन्हें नियमित रूप से वेतन देना होगा। अगर किसी के पास वेतन नहीं है, तो हाईकोर्ट ने धमकी दी है कि MCD को बंद कर दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि वे नहीं जांचते कि मामले को कब तक ध्यान में रखा जाएगा, क्योंकि सात सालों से यह मामला चल रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब उन्हें आपकी मदद नहीं कर सकते, और इसे बंद करने का समय आ गया है। कोर्ट ने कहा कि यह सब आपके भ्रष्टाचार की वजह से हो रहा है, और आप इसे ऐसे नहीं चला सकते।
- हाईकोर्ट ने घोषणा की कि अगर समस्या का समाधान असंभव लगता है, तो वे अन्य उपायों का समीक्षण करेंगे।
- कोर्ट ने फरवरी महीने की सैलरी का भुगतान करने के लिए 10 दिनों की मांग की थी।
- अब कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख को 28 मार्च के रूप में निर्धारित किया है।
- हाईकोर्ट ने समस्या के समाधान के लिए सक्रिय कदम उठाने का दावा किया है।
- उन्होंने सैलरी के भुगतान के लिए समयबद्धता की मांग की थी।
- कोर्ट ने मामले की अवलोकन के लिए आगे की सुनवाई निर्धारित की है।
- वे निर्दिष्ट तारीख पर पुनः विचार करेंगे।
- कोर्ट ने अपराधियों को इस्तेमाल करने के लिए तैयार होने का दबाव बनाया है।
- उन्होंने सुनवाई के लिए स्थायी समाधान की अपेक्षा की है।
- न्यायिक प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए उनका संकल्प प्रकट हुआ है।
7th pay commission
कोर्ट की खबरों में आया है कि वह जाँच कर रही है कि आप अतीत में क्यों जा रहे हैं। इस समय की बात करते हुए, आपके कर्मचारी बता रहे हैं कि उन्हें सैलरी और पेंशन नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने यह कहा है कि आपको इस समस्या का समाधान करना होगा, क्योंकि 2017 से यह मामला लंबित है और आप उनको उनके पैसे नहीं दे रहे हैं। अगर आप इस समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं, तो हाईकोर्ट ने धमकी दी है कि MCD को बंद करने का विचार किया जा सकता है।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 साल का समय दिया।
- कोर्ट ने MCD से हलफनामा मांगा।
- 7 पे कमीशन के लिए रकम की आवश्यकता पूछी।
- MCD ने सैलरी और पेंशन का भुगतान किया।
- जनवरी तक का भुगतान किया गया है।
- अब कोर्ट को अधिक समय चाहिए क्या?
- समय में अगले कदम क्या होगा?
- जजों ने मामले पर ध्यान दिया।
- समय समीक्षा की गई।
- अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है